DNN शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को विकासात्मक योजनाओं के प्रभावकारी कार्यान्वयन के प्रति ‘प्रो-एक्टिव’ रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं ताकि निर्धारित समय में चल रही परियोजनाओं के कार्यों को पूरा किया जा सके और वांछित लक्ष्यों को भी प्राप्त किया जा सके। मुख्यमंत्री आज यहां ‘हिम विकास समीक्षा’ की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हिम विकास समीक्षा सेवा ’ राज्य सरकार की ऐसी अभिनव पहल है, जिससे विकासात्मक परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति की लगातार समीक्षा की जा सकेगी तथा इससे विकास कार्यों में तेजी भी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 21 विभागों के लिए 103 मुख्य कार्यनिष्पादन संकेतक निर्धारित किए गए हैं, जबकि 26 विभागों के लिए ऐसे चार संकेतक बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों के कार्यों की समीक्षा के लिए यह एक ऐसा तंत्र विकसित किया गया है, जिससे अलग-अलग विभागों की समीक्षा करने की बजाय अब सभी विभागों का एक साथ आकलन संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए पारम्परिक तरीकों की बजाय अब ऑनलाइन रिपोर्टिंग अपनाई जा रही है, जिससे कार्यों के निष्पादन में तेजी आई है और पारदर्शिता भी बढ़ी है।
जय राम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग को भी अपने कार्यों की निगरानी रखने के लिए प्रबंधन का ऐसा सूचना तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए, जिसमें विभाग के सभी कार्य ऑनलाइन दर्शाए जा सकें। उन्होंने कहा कि वन अधिनियम तथा वन संरक्षण अधिनियम के मामलों को शीघ्र निपटाने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए ताकि वन स्वीकृतियां के कारण विकासात्मक परियोजनाओं को आरम्भ करने में विलम्ब न आए। उन्होंने परियोजनाओं को समयबद्ध आधार पर पूरा करने के साथ-साथ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए, जिनमें 60 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कार्यों में तेजी लाने के समय गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाएगा तथा कोताही बरतने वाले ठेकेदारों अथवा कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।