DNN कुल्लू
29 दिसम्बर। शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ राजनेता शांता कुमार की धर्मपत्नी संतोष शैलजा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने दिवंग्त महान आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्होंने उनके प्रियजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने के लिए भी ईश्वर से कामना की है। अपने शोक संदेश में गोविंद ठाकुर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मौत उसके परिजनों के लिए सदा के लिए गहरे जख्म छोड़ जाती है, लेकिन समाज में कुछ ऐसी महान विभूतियां होती हैं जिनके न रहने से पूरे समाज को क्षति पहुंचती है। ऐसी ही शख्सियत थी संतोष शैलजा। उनकी पहचान शांता कुमार की धर्मपत्नी के रूप में नहीं, बल्कि एक उत्कृष्ठ लेखिका व साहित्यकार के तौर पर उनकी पहचान थी। उनकी छवि एक एक बेहतरीन अध्यापिका की भी रही है। वर्षो तक उन्होंने दिल्ली, हिमाचल सहित अनेक स्थानों पर बतौर अध्यापिका सेवाएं दी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि संतोष शैलजा ने अनेक लेख, कहानियां व कविताएं लिखी। पंचजन्य नाम उनकी कहानी लंबे समय तक चर्चा में रही। पाठकों ने इस कहानी की काफी सराहना की। उन्होंने कई पुस्तकें व उपन्यास भी लिखें। इसके अलावा, दिल्ली के अखबारों में उनके अनेक लेख प्रकाशित हुए हैं।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि संतोष शैलजा ने सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत किया। वह मधुरभाषी, मिलनसार और हंसमुख छवि वाली महिला थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 उनके देहवसान का कारण बना, यह और अधिक दुखदायी है।