DNN सोलन
जिला सोलन में पड़ रही भीषण गर्मी से जहां लोगों का जीना मुहाल हो गया है वहीं अब बिना पानी के बूंद बूंद को तरसने को मजबूर हो गए है। बिना बारिश के जलस्तर में भारी गिरावट आ गई है, जिससे लोगों को एक सप्ताह में पेयजल सप्लाई हो रही है। लोग अब मौसम की ओर नजर लगाए हुए है कि कब बादलों से राहत की बौछारे हो जाए। गर्मी से जहां पेयजल योजनाओं पर खासा असर पड़ा है वहीं हैंडपंपों व प्राकृतिक पेयजल स्रोतों में भी कमी से लोग बेबस नजर आ रहे हैं।
जिला में इस समय आइपीएच विभाग के अंतर्गत 848 पेयजल योजनाएं चल रही हैं। इसमें से डेढ़ सौ के करीब योजनाओं में पानी की भारी कमी हो गई है। पानी की कमी से विभाग को भी आगे पेयजल सप्लाई सुचारू रूप से चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि विभाग ने पानी की कमी वाले क्षेत्रों में टैंकरों की व्यवस्था शुरू कर दी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र इस सुविधा से भी अछूते है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में लोग कूहल से सिंचाई कर रहे हैं उन्हें सिंचाई छोड़ पीने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए।
आइपीएच विभाग सोलन के अधिशाषी अभियंता सुमित सूद ने बताया कि उनके डिवीजन के अंर्तगत सोलन, धर्मपुर व कंडाघाट तीन उपमंडल हैं, जिनमें 372 पेयजल योजनाएं है। इसमें से 18 सूखने की कगार पर पहुंच चुकी है। इसके अलावा 40 फीसद योजनाओं में 25 से 30 प्रतिशत पानी की कमी आ गई है। सोलन डिवीजन में 1018 के करीब हैंडपंप हैं, जिनमें खराब पड़े 50 हैंडपंप को ठीक किया जा रहा है। अर्की डिवीजन के एक्सियन जोगिंद्र चौहान ने बताया कि अर्की डिवीजन में अर्की, सुबाथू व दाडला तीन सब डिवीजन आते है जिनमें 306 पेयजल स्कीमें है। इसमें से 71 स्कीमों में पानी की गिरावट दर्ज की जा रही है। 22 स्कीमों में पानी बहुत कम हो चुका है। 60 के करीब हैंडपंप में पानी की कमी हो गई है।
नालागढ़ डिवीजन के एक्सियन विजय ढ़टवालिया ने बताया कि उनके अंतर्गत नालागढ़, ट्यूबवेल, बद्दी व रामशहर चार उपमंडल आते हैं, जिनमें 170 पेयजल योजनाएं चल रही है। इसमें से 17 योजनाओं में पानी के स्तर में गिरावट आई है।