DNN दाड़लाघाट (आशीष)
उपमंडल के बहुत से गांवों में इस वर्ष गर्मियों की आहट से पहले ही पीने के पानी का गम्भीर संकट शुरू हो चुका है। आलम ये है कि लोग घर से दूर बावड़ियों से जल लाकर अपनी प्यास बुझा रहे है तो कहीं हैं। डपम्पों का गंदा पानी पीने को मजबूर हो चुके है। उपमंडल की ग्राम पंचायत बलेरा के साई,तवारी और स्युता गांव के लगभग 900 लोग इस वर्ष पीने के पानी के लिये लगभग आधा किलोमीटर दूर जाकर हैडपम्प के गन्दे पानी को पीने के लिये विवश है जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने विभाग को कई बार आग्रह भी किया कि उन्हें गंभर पेयजल योजना के फेस वन से पीने के पानी की व्यवस्था की जाए पर प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंगी।अब गर्मियों की आहट पर ही इन गांवों में हालात ये है कि लोगों को आईपीएच विभाग द्वारा पिछले 15 दिनों से पानी नही मिल पाया है।अभी गर्मियों के दो महीने बाकी है जिसे देखकर लगता है कि इन गांवों में यदि विभाग ने समय रहते कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की तो स्थिति बहुत भयावह हो जाएगी।
ग्रामीण नरेश वर्मा,कुलदीप, हेमराज,सत्या देवी,कांता देवी और सावित्री ने जानकरी देते हुए बताया कि उन्हें पिछले 15 दिनों से पानी नही मिल पाया है जिस वजह से सभी ग्रामीण हैडपम्प के गन्दे पानी को पीने के लिये विवश है।इन्होंने बताया कि इन गांवों के लिए हुडडू खड्ड से ग्रैविटी में पेयजल आपूर्ति आती है परंतु इस बार बारिशें कम होने की वजह से इस खड्ड में पानी बहुत कम हो गया है और लोग पानी के लिये त्राहि त्राहि करने को मजबूर हो गए है।ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें विभाग से जब पानी आता भी है तक मात्र15 से 20 मिनटों के लिये जिससे कि उनके दो- तीन बर्तन ही भर पाते है।सभी ने विभाग से आग्रह किया है कि यदि समय रहते इस समस्या का निदान नही किया गया तो उन्हें मजबूरन सड़कों पर आंदोलन करने के लिये उतरना पड़ेगा। इस बारे में आईपीएच के अधिशाषी अभियंता जेएस चौहान ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है कि बलेरा पंचायत के कुछ गांव को पानी नही मिल रहा है।जल्द ही उन्हें गंभर पेयजल योजना के फेस वन से वैकल्पिक सार्वजनिक नलों को लगाकर पानी मुहैया करवाया जाएगा।