02 मार्च। जिला सोलन के मां शूलिनी मंदिर व जटोली शिव मंदिर के बाद अब हरिपुर गुरुद्वारा को भारतीय खाद्य संरक्षा व मानक प्राधिकरण ने भोग योजना के तहत चयनित किया गया है। गुरुद्वारा में भोग बनाने के लिए फ़ाइनल ऑडिट कर एफ़एसएसएआई भोग सर्टिफिकेट जारी करेगा। खाद्य सुरक्षा विभाग इसके लिए ट्रेनिंग करवाकर प्री-ऑडिट करवा दिया है और 04 मार्च को फ़ाइनल ऑडिट करवाया जाएगा।
विभिन्न राज्यों से आते है लोग
बता दें कि डेरा बाबा जवाहर सिंह हरिपुर (हरिपुर गुरुद्वारा) जिला का बड़ा गुरुद्वारा है। यहां पर प्रदेश सहित हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों से लोग आते है और समय-समय पर यहां पर भंडारे का आयोजन किया जाता है। इसको देखते हुए एफएसएसएआई हरिपुर गुरूद्वारा को आनंदपूर्ण स्वच्छ चढ़ावा (भोग) योजना के तहत रखा गया है। योजना के तहत विभाग द्वारा मंदिर में बनने वाले भोग व भंडारों को बनाने से लेकर वितरण तक के बारे में ट्रेनिंग होती है। यह ट्रेनिंग जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा बीते दिनों करवाई है। ट्रेनिंग के पश्चात विभाग ने मंदिर में प्रसाद व बनने वाले भंडारे आदि का प्री-ऑडिट करवाया है।
क्या होता है ट्रेनिंग में
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा भोग योजना को लेकर करवाई जाने वाली ट्रेनिंग के माध्यम से यह बताया जाता है कि खाद्य वस्तुएं किस प्रकार से तैयार करनी है और किस डिग्री के तापमान में रखनी है । साथ ही इस दौरान स्वच्छता के लिए कई प्रकार के टिप्स भी इस दौरान दिए गए है। ट्रेनिंग के माध्यम से बताया जाता है कि फूड को बनाते समय हाथों में ग्लब्स का प्रयोग, भोजन को ढक कर रखना, साफ-सुथरी सब्जियां बनाना व किस प्रकार स्वच्छता रखनी है। विभाग द्वारा फोस्टेक के बारे में भी जागरूक किया जाता है।
क्यों करवाया जाता है प्री ऑडिट
खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा प्री-ऑडिट करवाने का उद्देश्य कमियों के बारे में जानना है। इस दौरान यदि कोई कमी पाई जाती है तो विभाग उस बारे जागरूक कर कमियों को दूर भी किया जाएगा। इन कमियों को दूर करने के लिए पुनः ट्रेनिग दी जाती है। इन सभी प्रक्रियाओं के गुजरने के बाद विभाग फाइनल ऑडिट करवाया जाता है। इस ऑडिट के दौरान बनने वाले प्रसाद व अन्य सामग्री की खाद्य सुरक्षा व गुणवत्ता को परखेगा और अगर यह सब चीजें अलग-अलग पैमानों पर खरी उतरती है, तो विभाग भोग का सर्टिफिकेट प्रदान करेगा।
सोलन जिला के दो बड़े मंदिरों को दिया जा चुका है सर्टिफिकेट
भोग योजना के तहत दो बड़े मंदिरों को सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है। इन मंदिरों में अब ट्रेनिंग के अनुसार ही प्रसाद व भंडारा बनाया जा रहा है। जिला सोलन में सबसे पहले मां शूलिनी मंदिर को भोग सर्टिफिकेट जारी किया गया। इसके बाद जटोली शिव मंदिर को सर्टिफिकेट जारी किया गया है।
गुरूद्वारा से लिए गए सर्वे सैम्पल
खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा गुरुद्वारा से सर्वे सैंपल भी भरे है। इनमे पानी व ऑइल के सैम्पल भरे गए है। विभाग ने इन सैंपलों को जांच के लिए सीटीएल कंडाघाट भेज दिया है। रिपोेर्ट आने के बाद ही इस सैम्पल का खुलासा होगा।
प्री-ऑडिट तक कार्य पूरा
सोलन के हरिपुर गुरुद्वारा को भोग के तहत चुना गया है। इसके लिए ट्रेनिंग व प्री-ऑडिट करवा दिया गया है। अब 04 मार्च को फाइनल एडिट होगा। इसके बाद भोग का लाइसेंस जारी होगा। इससे पहले जिला के दो मंदिरों को भोग सर्टिफिकेट एफ़एसएसएआई द्वारा जारी कर दिया गया है।