14 लोगों को डूबने से बचाया, राहत व बचाव के लिए आठ विशेष टीमें तैनात

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DNN मंडी
मुख्य सचिव विनीत चैधरी ने आज वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों से गत रात से हो रही भारी बारिश से हुए नुकसान का ब्यौरा लिया। उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने मंडी जिला में भारी बारिश से हुए नुकसान तथा राहत व बचाव कार्यों का विस्तृत विवरण दिया।
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मंडी जिला में भारी बारिश के कारण भूस्खलन तथा ल्हासे गिरने से लगभग 240 सड़कों पर यातायात बाधित रहा। उन्होंने कहा कि सोमवार सायंकाल तक 109 सड़कों पर यातायात सुविधा सुचारू कर दी गई है। अन्य सड़कों पर यातायात सामान्य करने के लिए लोक निर्माण विभाग व अन्य एजेंसियों की 165 से अधिक मशीनें लगाई गई हैं। इनमें लोक निर्माण विभाग की 127 जेसीबी, तीन बुल्डोजर, 16 टिप्पर तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण की 14 मशीनें विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों पर गिरे मलबे इत्यादि को हटाकर यातायात सुचारू करने में तैनात की गई हैं। अधिकांश सड़कों को मंगलवार सुबह तक पुनसर््थापित करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मनाली- चंडीगढ राष्ट्रीय राजमार्ग पर द्वाडा के समीप ब्यास नदी का पानी सड़क पर आने से यातायात बंद रहा, जिसे अब बहाल कर दिया गया है । सुंदरनगर के चमुखा के समीप यातायात सामान्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश से बल्ह क्षेत्र में निर्मित बाढ जैसी स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई करते हुए गृह रक्षक, अग्निशमन सहित राहत व बचाव दल तैनात किए गए और पानी में फंसे 14 लोगों को बचाया गया। उन्होंने कहा कि भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर जिला के विभिन्न क्षेत्रों में राहत व बचाव के लिए आठ दल तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में भारी बारिश से अभी तक लगभग 13 करोड़ 21 लाख 49 हजार रुपए का नुकसान आंका गया है, जिसमें लोक निर्माण, विद्युत, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग सहित रिहायशी मकानों व गौशालाओं इत्यादि को हुआ नुकसान शामिल है।

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