DNN शिमला (रमेश वर्मा)
हिमाचल में एक साल के बच्चे के दिल की पहली बार सफल सर्जरी हुई है। आई.जी.एम.सी. हार्ट सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने एक तरह से मिसाल पेश की है। बच्चे के दिल में छेद था। ऐसे में डाक्टरों ने भी ऑप्रेशन करने का लक्ष्य रखा और डाक्टर की टीम गठित की। यहां पर सबसे बड़ी चुनौती तो यह थी कि बच्चे का वेट 8 किलो से कम था, ऐसे में बच्चे का ऑप्रेशन करना बहुत मुश्किल था।सबसे पहले एनैस्थीसिया के डाक्टर ने बच्चे को बेहोश किया। उसके बाद डाक्टर ने बच्चे का ऑप्रेशन करना शुरू किया। डाक्टर ने ऑप्रेशन के दौरान पाया कि जो बच्चे के दिल में छेद था उससे बच्चे का जिंदा रह पाना मुश्किल था। हार्ट सर्जनों ने अपने दिमाग का प्रयोग किया और बच्चे के दिल के छेद को ऑप्रेशन के माध्यम से बंद किया, जिससे बच्चा अब बिल्कुल ठीक हो गया है। बच्चे का नाम युदेशी है जोकि मूल रूप से रोहड़ू का रहने वाला है।हिमाचल के लोगों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी तो यह है कि हिमाचल में इस तरह का यह पहला ऑप्रेशन है। इससे पहले इस तरह के बड़े ऑप्रेशन चंडीगढ़ या फिर अन्य राज्य में होते थे। ऑप्रेशन सफल होने को लेकर आईजीएमसी के प्रधानाचार्य रवि शर्मा, एम.एस. डा. जनक राज सहित हार्ट सर्जरी विभाग के सभी स्टाफ का भरपूर सहयोग रहा।डाक्टरों का कहना है कि यहां पर एक से बढ़कर एक सर्जन हैं। अगर सारी सुविधा आईजीएमसी में उपलब्ध होगी तो डाक्टर के लिए ऑप्रेशन करना कोई मुश्किल नहीं होता है। फर्क इतना है कि अन्य राज्य की तरह अस्पताल में कुछ सुविधाओं की कमी रह जाती है, जिसके चलते सफल ऑप्रेशन नहीं हो पाते हैं। ऑप्रेशन करने के दौरान डा. राजीव मरवाह, संजीव असोत्रा व पी.सी. नेगी सहित अन्य डाक्टर मौजूद रहे।