DNN शिमला (रमेश वर्मा)
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आज नो हॉर्न एप लॉन्च किया। इस एप के तहत पहले चरण में शिमला और मनाली को नो हॉर्न सिटी घोषित किया। इसमें लोगो को हॉर्न न बजाने को लेकर पहले दो महीने जागरूक किया जायेगा और फिर करेगी क़ानूनी कार्यवाही की जायेगी। ‘शोर नही’ मोबाइल एप्प भी किया शुरू, सीएम ने भी किया वादा नही बजायेगे हॉर्न। आज हॉर्न नॉट ओके अभियान की भी की शुरुआत।
विश्व विख्यात पर्यटन स्थल शिमला और मनाली के शहरो में अब आप हॉर्न नही बजा सकेगे। हिमाचल सरकार ने इन दोनों शहरो को नो हॉर्न सिटी घोषित कर दिया है। सरकार इन दोनों शहरो में नो हॉर्न प्लीज अभियान शुरू करेगी और लोगो को हॉर्न न बजाने को लेकर प्रेरित भी करेगी। यही नही इसको लेकर ‘शोर नही” एप्प भी जारी किया है जिसमे लोग अपनी शिकायत भी भेज सखते है और हॉर्न बजाने वालो के विडियो भी डाल सकते है। शुक्रवार को सीएम जयराम ठाकुर ने सचिवालय से शोर नही एप्प और हॉर्न नॉट ओके जागरूकता अभियान की शुरुआत की। सरकार शुरुआत में दो महीने तक लोगो को हॉर्न न बजाने को लेकर जागरूक करेगी उसके बाद हॉर्न बचाने से बाज न आने वाले लोगो के चालान और क़ानूनी कार्यवाही भी अम्ल में लाएगी। इस अभियान के तहत पुलिस के जवान चालको को हॉर्न से होने वाले नुक्सान के बारे में जागरूक करेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हॉर्न न बजाए की शुरुआत अपने मंत्रिमंडल से कर रहे है और जहा मुख्यमंत्री ने अपनी गाड़ियों में शिमला में हॉर्न न बजाने का संकल्प लिया। वही मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को पत्र लिख कर उनसे हॉर्न न बजाने का आग्रह करेगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पहले जहा सडक किनारे हॉर्न बजाओ के साइन बोर्ड लगे होते थे अब वही उनकी जगह हॉर्न न बजाए प्लीज के बोर्ड लगाए जायेगे। उन्होंने कहा की अनावश्यक हॉर्न से स्वास्थ्य के लिए होने वाले नुकसान को देखते हुए पहले चरण में शिमला मनाली दो शहरो को हॉर्न फ्री सिटी घोषित किया गया है जिसके बाद प्रदेश के अन्य शहरो में भी ये अभियान शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा की गाड़ियाँ बहुत बढ़ गई है जिसमे दो शहरो में सबसे ज्यादा गाड़िया हो गई है और इन दोनों शहरो में शोर कम करने एक लिए ये कदम उठाया गया है।