DNN सोलन ब्यूरो (आदित्य सोफत)
07 फरवरी। कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच के संवेदनशील पांच किलोमीटर के क्षेत्र से बीते दिनों लिए गए पक्षियों व कुक्कुट के सैम्पलों की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि, अभी दूसरे लॉट में भेजे गए सैम्पलों की आना बाकी है। पशु पालन विभाग द्वारा यह सैम्पल हाई-वे किनारे फेंके गए मृत मुर्गों की रिपोेर्ट आने के बाद भरें गए थे। कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर इन चार संवेदनशील जगहों के साथ लगते पांच किलोमीटर के क्षेत्र से पहले चरण में 196 सैम्पल भरे गए थे। इनमे पहली बार में 50 सैम्पल भरे गए थे, जबकि दूसरी बार में 146 सैम्पल पक्षियों व कुक्क्ट के भरे गए थे। इन 196 सैम्पलों में 50 सैम्पलों की रिपोेर्ट जालंधर लैब से विभाग के पास पहुंच गई है और यह सैम्पल नेगेटिव आए है। विभाग द्वारा अब दूसरे चरण में इन संवेदनशील पांच किलोमीटर के क्षेत्र से सैम्पल एकत्र किए जाएंगे। यह सैम्पल भी जांच के लिए जालंधर लैब में भेजे जाने है। विभाग द्वारा दूसरे चरण में शनिवार से सैम्पल एकत्र करने शुरू कर दिए है।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर बर्ड फ्लू के खतरे के बीच जनवरी माह के शुरू में लगातार चार दिन मृत मुर्गे फेंके पाए गए थे। हाई-वे किनारे पहले दिन चक्कीमोड़, दूसरे दिन जाबली के समीप, तीसरे दिन कुमारहट्टी बाईपास पर बनी के कुमारहट्टी पोर्टल के समीप व चौथे दिन सनवारा के समीप लगभग 1,000 से अधिक मृत मुर्गे पाए गए थे। इनके मिलने से क्षेत्र में दहशत फेल गए थी और लोग घबरा गए थे। चारों दिन पशु पालन विभाग की टीम द्वारा अलग-अलग जगहों से पांच–पांच रैंडम सैम्पल भरे थे। इन्हे जांच के लिए जालंधर भेजा गया था। जालंधर लैब में भेजे गए इन सैम्पलों की रिपोेर्ट संदेहास्पद आने के कारण भोपाल लैब में भेजा गया था। जहां की रिपोेर्ट के अनुसार इनमे बर्ड फ्लू के लक्षण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए अंडा, कुक्कुट पर प्रतिबंध लगाया था और वर्तमान में भी प्रतिबंध लगा हुआ है।
इसी बीच जाबली, चक्कीमोड़, टनल के कुमारहट्टी पोर्टल व सनवारा के समीप पांच किलोमीटर के दायरे से पशु पालन विभाग की टीम ने पक्षियों व कुक्कूट के सैम्पल भरे थे और जांच के लिए इन्हे भी जालंधर लैब में भेजा गया था। इनमे से 50 सैम्पलों में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए है।
दूसरे चरण में भी लिए जाएंगे 05 किलोमीटर एरिया से सैंपल
पशु पालन विभाग द्वारा अब दूसरे चरण में पक्षियों व कुक्कुट की सैम्पलिंग करनी शुरू कर दी है। दूसरे चरण में भी लगभग 196 सैम्पल जांच के लिए जाएंगे और जांच के लिए जालंधर लैब में भेजे जाएंगे।
इस प्रकार होती है सैम्पलिंग
हाई-वे किनारे मृत मुर्गों की रिपोेर्ट पॉजिटिव आने के बाद विभाग द्वारा पांच किलोमीटर का क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्र में लिया था। रिपोेर्ट के पॉजिटिव आने के बाद यहां से चार चरणों में सैम्पल लिए जाने है। हर चरण में 25 फीसदी सैम्पल भरे जाने है और 15 दिन बाद यह सैम्पल भरे जाते है। इसमें पुनः उस जगह से सैम्पल नहीं लिए जाएंगे जहां से प्रथम चरण में सैम्पल लिए जा चुके है।
विभाग का कहना यह
पशु पालन विभाग के उपनिदेशक भारत भूषण गुप्ता का कहना है कि हाई-वे किनारे फेंके गए मृत मुर्गों की रिपोेर्ट आने के बाद पांच किलोमीटर के संवेदनशील क्षेत्र में पक्षियों और कुक्क्ट की सैम्पलिंग की गई। प्रथम चरण में 196 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए है। इनमे से 50 सैम्पलों की रिपोेर्ट विभाग के पास आ चुकी है और यह सैम्पल नेगेटिव आए है। विभाग ने इन 05 किलोमीटर के क्षेत्र से दूसरे चरण में सैम्पलिंग शनिवार से शुरू कर दी है। यह सैम्पल भी जांच के लिए जालंधर भेजे जाएंगे।