DNN सोलन ब्यूरो (आदित्य सोफत)
देश में जब तक कोरोना वायरस की वेक्सीन तैयार नहीं होगी तब तक अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने का जोखिम नहीं उठा सकते है। इस बात का खुलासा शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे में हुआ है। शिक्षा विभाग द्वारा किए गए इस सर्वे में प्रदेशभर के अभिभावकों ने अपनी राय दी है और अब यह राय शिक्षा विभाग अब सरकार के पास पहुंचाएगा। साथ ही अभिभवकों का यह भी कहना है की अगर आगामी दिनों में स्कूल खुलते भी है, तो भी वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रदेश में शिक्षा निदेशालय को प्रदेश में शिक्षण संस्थान खोलने के लिए अभिभावकों से फीडबैक उपलब्ध करवाने के लिए कहा था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग के उप-निदेशकों से अभिभावकों बातचीत करने व फीडबैक लेने के लिए आदेश जारी किए थे। साथ ही संस्थानों को खोलने व इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रतिकिया प्रस्तुत करने के लिए केवल एक ही दिन का समय दिया गया था। इस पर समयानुसार हर जानकारी निदेशालय तक पहुंचने के लिए शिक्षा विभाग अभिभावकों की राय ली और यह राय शिक्षा विभाग के उप-निदेशक कार्यालयों में पहुंचना शुरू हो गए है। अभिभावकों की इस राय में साफ यही कहना है कि जब तक कोरोना वायरस की वेक्सीन देश में तैयार नहीं हो जाती तबतक वह अपने बच्चों को घर से ही पढ़ाई करवाने को तैयार है और यदि सरकार शिक्षण संस्थान खोलती भी है तो वह अपने बच्चों को इस हालत में नहीं भेज सकेंगे।
गौरतलब हो कि देश में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मार्च माह के मध्य में शिक्षण संस्थान को बंद कर दिया था। हालांकि इस दौरान बोर्ड की परीक्षाआंें को आगामी दिनों के लिए स्थगित कर दिया था, पर अब यह परीक्षाएं शिक्षा विभाग द्वारा पूरी करवा दी गई है और बोर्ड द्वारा इनके परिणाम भी घोषित कर दिए है। साथ ही इन दिनों स्कूल व कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया चली हुई है और इसी बीच सरकार द्वारा शिक्षण संस्थान खोलने बारे अभिभावकों से फीड बैक मांगा था, जोकि शिक्षा विभाग के पास पहुंचना शुरू हो गया है। जल्द ही विभाग इसे सरकार के समक्ष पहुंचाएगा ताकि इस महवपूर्ण विषय पर निर्णय लिया जा सके।
क्या कहना है उच्च शिक्षा उपनिदेशक का योगेंद्र मखैक का
उच्च शिक्षा उप निदेशक योगेंदर मखैक का कहना है कि हमारे द्वारा निर्देशानुसार अभिभावकों से बारे फीडबैक लिया गया है। जिससे यह पता चला है कि अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस की वेक्सीन तैयार नहीं होती, तबतक वह कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।
