लठियाणी-मंदली पुल का सर्वे फरवरी अंत होगा पूरा, जुलाई तक बनेगी डीपीआर

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DNN  ऊना
8 फरवरी। गोबिंद सागर झील के बनने से दो भागों में विभाजित हुए कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के एक होने की संभावना एक बार फिर प्रबल हो गई है। दोनों हिस्सों को जोड़ने के लिए लगभग 110 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाले लठियाणी-मंदली पुल की डीपीआर बनाने का सर्वे शुरू हो गया है, जो फरवरी माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। कंस्लटेसी कंपनी के अधिकारी सर्वे में पुल का डिजाइन, अलाइनमेंट सहित अन्य तकनीकी पहलुओं का सर्वेक्षण कर रहे हैं। उम्मीद है कि पुल की लंबाई 600 से 700 मीटर तक होगी।
डीपीआर बनाने के लिए 1.70 करोड़ रुपए का टेंडर दिया गया है तथा सर्वे का कार्य पूरा होने के उपरांत डीपीआर बनाई जाएगी। उम्मीद है कि जुलाई माह आते-आते लठियाणी-मंदली पुल की डीपीआर बनकर तैयार हो जाएगी। पुल तक पहुंचने के लिए दोनों छोर पर लगभग छह किमी लंबा एप्रोच रोड भी तैयार किया जाएगा, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। पुल, भूमि अधिग्रहण तथा अप्रोच रोड बनाने की यह परियोजना कुल मिलाकर 200 करोड़ रुपए की लागत तक पहुंच सकती है।
लठियाणी-मंदली पुल के निर्माण से ग्राम पंचायत कोडरा, बुधान, लठियाणी, तनोह, मलांगड, धुंदला, छपरोह, बुढवार, मंदली, थड़ा, रायपुर, परोईयां समेत अन्य गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगी। पुल के निर्माण से लोगों को आर-पार आने-जाने में सुविधा होगी तथा हमीरपुर जाने का रास्ता भी कम हो जाएगा।
33 करोड़ से बन रहा ऊना-बीहड़ू रोड
यही नहीं ऊना से बीहड़ू तक पहुंचने के लिए 16 किमी लंबी सड़क के सुधारीकरण का कार्य भी प्रगति पर है, जिसके लिए 33 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की जा रही है। साथ ही ऊना-बीहड़ू एनएच पर मलाहत में रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का भी प्रस्ताव है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर कहते हैं कि लठियाणी-मंदली पुल के निर्माण के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यह पुल आधुनिक कुटलैहड़ का स्मृति चिन्ह बनकर उभरेगा तथा इससे बहुत से लोगों को लाभ मिलेगा। बेहतर सड़क सुविधा होने से कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के रमणीक स्थलों को निहारने आने वाले पर्यटकों को भी सहूलियत होगी। विशेष तौर पर गोबिंद सागर झील देखने आने वाले सैलानियों के लिए अच्छी सड़क बनकर तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऊना-बीहड़ू रोड पर अधिकारियों को बेहतर जन सुविधाएं जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। पीरनिगाह से बड़सर तक आकर्षक वर्षा शालिकाएं बनाई जाएंगी। सार्वजनिक शौचालय व रेन शैल्टर भी तैयार किए जाएंगे।

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