DNN आनी
विकास की प्रक्रिया में पानी और स्वच्छता सुविधाओं का उपयोग करना और उनकी देखभाल करना अहम है । लोगों को इनमें निहित स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए इन सुविधाओं को ठीक ढंग से इस्तेमाल करना चाहिए। इसका अर्थ है कि लोगों को यह जानना चाहिए कि किस प्रकार पानी को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया जाए और उसका भंडारण किया जाए, व्यक्तिगत और घरेलू सफाई देखरेख की जाए, मलमूत्र निपटान सुविधाओं की किस प्रकार से देखरेख की जाए और किस प्रकार अस्वच्छ पर्यावरण की दशाओं से बचा जाए अथवा इनको कम से कम किया जाए। इसी कड़ी में रविवार को आनी खण्ड की ग्राम पंचायत शिल्ली के जलस्त्रोत चजुड़ी को तनोटा गांव की महिलाओं ने साफ़ किया । इस दौरान प्राकृतिक जल स्रोतों की साफ-सफाई कर लोगों को पानी के महत्व का संदेश दिया गया ।
महिलाओं ने जल स्त्रोत के आसपास फैली गंदगी, पत्तल, पॉलीथीन को हटाकर साफ़ किया । महिलाओं ने एकजुट होकर लोगों को सन्देश दिया कि हमें स्वच्छता का विशेष ध्यान देना होगा। स्रोत के आसपास शैंपू के रैपर, पॉलीथीन आदि नहीं फैंकना चाहिए । उन्होंने कहा कि कम से कम सप्ताह में एक बार जल स्त्रोतों की सफाई करनी चाहिए क्योंकि ये स्रोत ही भविष्य में भयंकर जल संकट से हमें बचा सकते हैं। जल स्रोत पहाड़ की जीवन रेखा हैं। हमें इनकी स्वच्छता का विशेष ध्यान देना होगा। महिलाओं ने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों के प्रति आम जनमानस में संवेदना पैदा करनी होगी। जिससे इन्हें दीर्घजीवी बनाया जा सके।सफ़ाई अभियान में गंगा देवी,तिलका देवी,तारा देवी,ममता,अनिता,रुकमणी, खीलु देवी,कमला देवी समेत अन्य महिलाएं शामिल रही ।
