बच्चों को मोबाइल फोन व इंटरनेट से दूर रखना चाहिए

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DNN सोलन
बच्चों को यदि अच्छे संस्कार दिए जाएं तो वह आगे चलकर सभ्य समाज का निमार्ण करेंगे। बच्चों को मोबाइल फोन व इंटरनेट से दूर रखना चाहिए, ताकि वो जितना समय इन पर गेम्स खेलने व वीडियो देखने में व्यतीत करते उतना समय अपनी शिक्षा और ईश्वर में लगाए तो उसका भविष्य भी स्वर्णिम होगा। यह उद्गार प्रसिद्ध भजन सम्राट गोविद भार्गव ने बातचीत में कहे। वह सोलन के ठोडो मैदान में आयोजित भजन संध्या में अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे थे। गोविद भार्गव भजन गायिकी में बड़ा नाम है जो राधेकृष्ण के भजनों को ही विशेष तौर पर गाते हैं। उन्होंने बताया कि सोलन में वह दो बार प्रस्तुति दे चुके हैं। हिमाचल बहुत ही सुंदर है इसलिए सबका दायित्व बनता है कि इसकी हरियाली को संजोए रखे ताकि भविष्य में यहां भी वायु प्रदुषण का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि वह अभी तक एक हजार से अधिक भजन संध्या में गा चुके हैं। उनके प्रसिद्ध भजनों में मुझसे लागी लगन मत तोड़ना, कन्हैया ले चल परली पार, तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये, मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलिया, किशोरी इतना तो कीजो, लाडली अदभुत नजारा तेरे बरसाने में है, मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है।
भार्गव ने बताया कि धार्मिक संगीत उनकी परिवार के संस्कार की ही देन है। उनके घर में बचपन से ही धार्मिक संगीत का माहौल रहता था जिससे उनका लगाव भी धार्मिक संगीत से ही हो गया। संगीत को अपनी मां से सीखा और चार-पांच साल की उम्र से ही भजन गाने शुरू कर दिए। कानपुर में उनके घर के पास गांधी संगीत महाविद्यालय था जिससे संगीत की धुने भी घर में सुनाई देती रहती थी। कानपुर को छोड़कर ठाकुर की नगरी वृंदावन को ही अपनी स्थली बना लिया। उन्होने बताया कि वो केवल ठाकुरजी (श्रीकृष्ण) के व्रज के ही भजन गाते है। सारे रसिक पद् है जिनको तुलसीदास, सुरदास ने लिखा है उन्हीं पदों को गाते है।

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