प्रदेश में बढ़ रहे पीलिया के प्रकोप को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए सरकार : जयराम ठाकुर

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-अकेले जोगिंदरनगर में हर दिन आ रहे हैं मरीज़, सैकड़ों लोग हैं अस्पताल में भर्ती
– मण्डी ज़िले में छः लोगों ने पीलिया की वजह से गंवाईं जान जिसमें चार जोगिंदरनगर निवासी
-जनविरोधी फ़ैसलों के बाज़ आए सरकार, विकास और आपदा राहत कार्यों को दे प्राथमिकता

DNN शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार की जनविरोधी नीति पर हमला करते हुए कहा कि सरकार को सिर्फ़ सुविधाएं छीनने और हर चीज के दाम बढ़ाने की धुन सवार है। लेकिन प्रदेश के लोगों का कोई ख़्याल नहीं हैं। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का बिल वसूलने जा रही है लेकिन पानी की गुणवत्ता का जरा सा भी ख़याल नहीं हैं। मण्डी में पीलिया एक महामारी की तरह फेल रहा है। सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं, अब तक छः लोगों की मौत हो गई है। जिसमें से चार लोग सिर्फ़ जोगिंदरनग़र विधान सभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। हर दिन दर्जनों की संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। यह प्रकोप सरकार की नाकामी की वजह फ़ैला है। सरकार इससे बचाव के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चलाए और संक्रमित लोगों को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधाएं उपलब्ध करवाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मण्डी ज़िला के कई क्षेत्रों में पीलिया का प्रकोप है। लोग संक्रमित होकर अपनी जान गंवा रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ़ से पीलिया से बचाव तथा रोकथाम की दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। महीनों से लोगों के संक्रमित होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। सरकार को इसकी ज़िम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि पेय जल आपूर्ति में किसी न किसी प्रकार ख़ामी हुई है। लोगों को उपचारित पानी नहीं किया गया और संक्रमित पानी ही सप्लाई कर दिया गया। इसके बाद संक्रमित लोगों के इलाज में भी किसी न किसी स्तरपर कमी रही जिसकी वजह लोगों की जान गई।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस समय जलजनित रोगों के फैलने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में सरकार द्वारा बचाव के इंतज़ाम किए जाते हैं। लेकिन जोगिंदर नगर जैसे इलाक़े में पीलिया का महामारी बन जाने से यह साफ़ है कि सरकार और संबंधित विभागों द्वारा लापरवाही हुई है। इसलिए सैकड़ों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और चार लोगों की जान गई। सरकार इस मामले में लोगों की जवाबदेही तय करें और प्रदेश के लोगों को बताए कि किस स्तर पर चूंक हुई और उसके लिए कौन जिम्मेदार है। सरकार सिर्फ़ जनविरोधी कामों में मशगूल है। जनता से जुड़े समस्याओं के निराकरण से उसे कोई लेना देना नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जनविरोधी कामों से बाज आए विकासात्मक कार्यों पर ध्यान दे और लोकहित में फ़ैसले ले।

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