DNN मंडी
18 सितंबर। मंडी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेंद्र कुमार ने चेक बाउंस के एक मामले में निर्णय देते हुए आरोपी को 6 महीने की साधारण कैद व 15 लाख रूपए मुआवजा अदा करने की सजा सुनाई। एडवोकेट महेश चोपड़ा ने बताया कि यह मामला मंडी के यूनियन बैंक आफ इंडिया के प्रबंधन की ओर से दर्ज किया गया था, चेक बाउंस का यह मामला वर्ष 2014 का है।
मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र शर्मा मंडी ने बैंक से लोन लिया था। जब उसकी देनदारी 10 लाख हो गई तो और बैंक ने पैसा वापस करने का दबाव बनाया तो उसने बैंक को 27 दिसंबर 2014 को दस लाख का चेक दे दिया जो मंडी में पंजाब नेशनल बैंक का था। बैंक ने जब इसे क्लीयरिंग के लिए लगाया तो यह खाते में पर्याप्त पैसा न होने की टिप्पणी के साथ वापस आ गया। इस पर आरोपी को नोटिस भेजा गया और जब पैसा नहीं मिला तो मामला एडवोकेट महेश चोपड़ा के माध्यम से नेगोशियल इंस्ट्ूमेंस एक्ट की धारा 138 के तहत अदालत में दायर किया गया।मामले में सुनवाई में गवाहों के ब्यानों के आधार पर अदालत ने पाया कि आरोपी ने जानबूझ खाते में पैसा न होने पर भी चेक जारी कर दिया। बचाव पक्ष ने आरोपी के घर का अकेला कमाउ सदस्य होने का हवाला देते हुए बरी करने का आग्रह भी किया मगर अदालत ने उसे दोषी करार दिया और 6 महीने की साधारण कैद व 15 हजार रूपए मुआवजा भरने की सजा सुनाई। मुआवजा अदा करने में विफल रहने पर उसे डेढ महीने की और सजा भुगतनी होगी।