DNN लाहौल स्पीति
27 सितंबर। लाहौल घाटी के खंमीनगर ग्लेशियर में फंसे 16 ट्रेक्टर्स को रेस्क्यू करने का कार्य जिला प्रशासन ने शुरू कर दिया है। हालांकि इन 16 ट्रेकर्स में से पश्चिम बंगाल के 2 ट्रैकर्स की मौत हो चुकी है। जबकि शेष को सुरक्षित निकालने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
लाहौल स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि 61 वर्षीय भास्कर देव व 38 वर्षीय संदीप कुमार ठाकुराता निवासी पश्चिम बंगाल की मौत की खबर ग्लेशियर में फंसे अन्य सदस्यों द्वारा मिली है। ग्लेशियर पर फंसे ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने में कम से कम तीन दिन लग सकते हैं।
उपायुक्त ने बताया कि खंमीगर गलेशियर में फंसे 16 ट्रेकर को रेस्कयू करने का कार्य प्रशासन ने शुरू कर दिया है। स्पीति प्रशासन को सोमवार सुबह 16 सदस्यीय दल के दो सदस्यों ने काजा में आकर सूचना दी कि उनके अन्य साथी खंमीगर गलेशियर में फंसे हुए है, जिनमें से दो ट्रेकर की मौके पर मौत हो चुकी है। जबकि अन्य साथी अभी वहीं पर फंसे हुए है। अभी 14 सदस्य फंसे हुए है। प्रशासन ने 32 सदस्यीय रेस्कयू टीम का गठन कर दिया है। इस टीम में 16 आईटीबीपी के जवान, 6 डोगरा स्काउट के जवान व इसी में एक चिकित्सक भी है। इसके साथ ही 10 पोटर जोकि बोझा उठाने के तौर पर काम करेंगे।
उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि 15 सिंतबर को इंडियन माउंटेनिंरिग फांउडेशन पश्चिम बंगाल की छह सदस्य बातल से काजा वाया खमींगर गलेशियर ट्रेक को पार करने के लिए रवाना हुआ थे। इनके साथ 10 पोटर भी शामिल है। प्रशासन को मिली सूचना के मुताबिक तीन ट्रेकर, एक शेरपा यानि लोकल गाइड और 10 पोटर भी खंमीगर गलेशियर जिसकी उंचाई करीब 5034 मीटर है, इसमें फंसे हुए है। रेस्कयू टीम को खमींगर पहुंचने में तीन दिन लगेंगे। हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्कयू करने के लिए बातचीत की गई है। वहां पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से नहीं पहुंचा जा सकता है। इसलिए 32 सदस्यीय रेस्कयू दल का गठन किया गया है। रेस्कयू कार्य पिन घाटी के काह गांव से शुरू होगा। पहले दिन 28 सितंबर को काह से चंकथांगो, दूसरे दिन चंकथांगो से धार थांगो और अंतिम दिन धारथांगो से खमींगर गलेशियर रेस्कयू टीम पहुंचेगी। वहीं तीन दिन वापिस खंमीगर गलेश्यिर से काह पहुंचने में लंगेगे।