आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के स्वास्थ्य का होगा ताजा सर्वेक्षण-आशुतोष गर्ग

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DNN कुल्लू

03 मार्च। जिला में पोषण अभियान के अंतर्गत समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में 6 साल आयु तक के बच्चों के स्वास्थ्य का ताजा सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण में बच्चों का वनज व ऊंचाई के आधार पर उनमें कुपोषण की समस्या का पता लगाकर स्वास्थ्य कार्ड जारी किये जाएंगे। यह बात उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने पोषण अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ियों में किये जाने वाले सर्वेक्षण के लिये बाल विकास परियोजना अधिकारी सूची को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देकर इसका व्यापक प्रचार व प्रसार सुनिश्चित करेंगे। आंगनवाड़ी केन्द्र में सर्वेक्षण के दिन निजी अथवा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 साल आयु के सभी बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में बुलाया जाएगा।आशुतोष गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच में 2019 में जिला के 883 घरों, 892 महिलाओं व 128 पुरूषों का सर्वेक्षण किया गया था और आंकड़े काफी चौकाने वाले थे। इसमें पांच साल आयु तक के 35.9 प्रतिशत की उंचाई आयु के अनुपात में कम पाई गई। 16.1 प्रतिशत का उंचाई के अनुपात में वजन कम पाया गया, 5.8 प्रतिशत का वजन काफी कम पाया गया जबकि 25.6 प्रतिशत का वजन उंचाई के अनुपात में काफी कम पाया गया। उन्होंने कहा कि जिला में छः माह से छः साल आयु के पंजीकृत लाभार्थी बच्चों की संख्या 30922 है। जिला में 1095 आंगनवाडी केन्द्र जबकि 465 आशा कार्यकर्ता हैं।उपायुक्त ने कहा कि एसडीएम संबंधित उपमण्डलों में सर्वेक्षण की निगरानी करेंगे। आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा। इसमें 20 प्रतिशत आंगनवाड़ियों में बाल विकास परियोजना अधिकारी, 30 प्रतिशत में सुपरवाईजर तथा कम से कम चार प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्रों के सर्वेक्षण में स्वयं एसडीएम मौजूद रहेंगे। सर्वेक्षण के लिये स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर तीन खण्डों का प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और शेष खण्डों के लिये जल्द प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।बैठक में अवगत करवाया गया कि कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रो में भार मशीनें खराब हैं। इसपर उपायुक्त ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य अलग-अलग दिनों में किया जाना है और इस स्थिति में मशीन को साथ लगती आंगनवाड़ी से प्रयोग में लाया जा सकता है। हालांकि निकट भविष्य में नई मशीनें खरीदने की प्रक्रिया आंरभ की जाएगी।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र ने कहा कि बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग एक बेहतर तालमेल के साथ सर्वेक्षण कार्य को आसानी से समयबद्ध पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस बच्चे में कुपोषण की समस्या पाई जाएगी, उसे संबंधित क्षेत्र की आशा शिशु विशेषज्ञ तक पहुंचाकर कुपोषण की समस्या का उपचार व डाईट शड्यूल तैयार करवाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को आगामी निगरानी के लिये प्रस्तुत करेगी। कुपोषण वाले बच्चों की नियमित निगरानी करके उनको स्वस्थ बनाना ही अंतिम उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण का पता लगाने में किसी प्रकार की कोताही नहीं की जानी चाहिए। इसके लिये आंगनवाड़ी केन्द्र में सर्वेक्षण के दिन समय लगाकर वनज व उंचाई जैसे मानदण्डों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कार्य आंकड़ों के मान्यीकरण का है।बैठक की कार्यवाही का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश चंद ने किया।
एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला, एसडीएम मनाली डॉ. सुरेन्द्र, एसडीएम बंजार पी.सी. आजाद सहित समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

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