DNN नाहन
यदि आप बाजार से देसी घी खरीदकर उसका सेवन कर रहे हैं, तो सावधान रहने की आवश्यकता है। पहले इसकी अच्छे से गुणवत्ता जांच लें, तभी देसी घी का इस्तेमाल करें, क्योंकि देसी घी की एक ब्रांडेड कंपनी के घी में कोलतार रंग पाया गया है, जोकि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। दरअसल सिरमौर के ददाहू में एक ब्रांडेड कंपनी के देसी घी में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक कोलतार रंग पाया गया है। यह केमिकल घी को पीला करने के लिए मिलाया गया। इसका खुलासा विभाग द्वारा लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट में हुआ है। लिहाजा खाद्य सुरक्षा विभाग ने जांच रिपोर्ट आने के बाद महाराष्ट्र की कंपनी के उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाकर बाजार से स्टाॅफ वापस मंगवा लिया है। वहीं विभाग की मानें तो कंपनी व विक्रेता दोनों के खिलाफ लगभग जांच पूरी हो चुकी है और मामला अदालत में दायर करने तैयारी पूरी कर ली गई है। कंपनी के देसी घी में वेजिटेबल ऑयल के भी अंश पाए गए हैं।
कोलतार नामक मिश्रण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक दरअसल खाद्य सुरक्षा विभाग ने कुछ माह पहले ददाहू से एक ब्रांडेड कंपनी के देसी घी के सैंपल भरे गए थे। प्रयोगशाला जांच में खुलासा हुआ कि इस घी में कोलतार नामक खतरनाक रंग का मिश्रण है। इस रंग का लगातार सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस तरह के रंग के इस्तेमाल पर पहले ही प्रतिबंध लगाया है। यह रंग बेहद खतरनाक है। इसका लगातार सेवन कैंसर के अलावा किडनी से संबंधित बीमारियों का कारण हो सकता है। इसके अतिरिक्त मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर सकता है। कुकिंग ऑयल में भी मिला था कोलतार कुछ समय पहले कुकिंग मीडियम ऑयल के सैंपल भी फेल हुए थे। इसमें भी कोलतार नामक खतरनाक रंग पाया गया था। इसके अलावा इस साल डेयरी के घी, रिफाइंड, मलका दाल का भी सैंपल फेल हुआ है, जिस पर एडीसी की अदालत में इन पर क्रमशः 20, 60 और 20 हजार रुपए का जुर्माना हुआ है। असुरक्षित घोषित देसी घी और कुकिंग मीडियम ऑयल की निर्माता कंपनी व विक्रेताओं पर अदालत में केस चलेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी इस मामले में
खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी अतुल कायस्था ने बताया कि देसी घी में अत्यधिक मात्रा में कोलतार कलर मिला है। यह रंग बेहद खतरनाक है। सैंपल फेल होने के पश्चात महाराष्ट्र की कंपनी के इस देसी घी को असुरक्षित घोषित कर दिया है। इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। होलसेलर को स्टॉक रोकने और बेचे स्टॉक को वापस लेने के निर्देश दिए हैं। संबंधित कंपनी को भी पत्राचार कर इसे कहीं भी बिक्री न करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि विभाग दस्तावेज तैयार कर रहा है। जल्द अदालत में कंपनी, विक्रेता और होलसेलर के खिलाफ मामला चलाया जाएगा।