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मण्डी : नेता प्रतिभा की जय राम ठाकुर ने कहा कि राहत के साथ-साथ अब इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की दिशा में साथ-साथ काम करना पड़ेगा। हम हिमाचल के हर आपदा प्रभावित के पुनर्वासन के लिए की जान से जुटे हैं। आपदा प्रभावितों के हित की बात हम हर मंच से उठा रहे हैं आगे भी उठाते रहेंगे। यह तबाही इतनी बड़ी है कि बिना सबका साथ दिए इससे उबरना कठिन होगा। अभी भी बहुत जगह पर सड़के नहीं खुल पाई हैं। जनजीवन अस्त व्यस्त है। हजारों की संख्या में लोग आपदा राहत शिविरों में या अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं। ऐसे लोगों की घर वापसी भी सुनिश्चित करानी है। उन्हें सुरक्षित आशियाना देना, समय से आवश्यक सेवाएं और सुविधा देना भी हमारी जिम्मेदारी है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों को समय से सरकार की पुनर्वासन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। क्योंकि अभी बारिश की शुरुआत है आगे भी भारी बरसात की संभावना मौसम विभाग द्वारा जताई गई है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित अस्थाई शरण और सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध करवाने में सरकार को तेजी लानी पड़ेगी। पारदर्शिता के साथ प्रभावितों को लाभ पहुंचाने की योजना क्रियान्वित करनी होगी। उन्होंने आपदा प्रभावितों के हक की आवाज को हर मंच पर प्रमुखता से उठाने का भरोसा भी दिलाया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावितों के राहत कार्य और राहत सामग्री वितरण समेत अन्य कार्यों की समीक्षा की और संबंधित लोगों को उचित निर्देश दिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस आपदा में प्रभावितों की मदद करने के लिए जिस तरीके से जन सहयोग मिला वह अकल्पनीय है। लोगों ने स्वतः आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच बढ़ चढ़कर सहयोग किया। तन,मन,धन, वाणी और कर्म से हजारों की संख्या में दानी सज्जन आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़े हुए। जिससे लोगों को न सिर्फ समय पर उचित राहत मिली बल्कि उनका हौसला भी बढ़ा। आगे भी पुनर्वासन की योजनाओं में जन सहयोग की व्यापक पैमाने पर आवश्यकता होगी। हर्ष की बात यह है कि पुनर्वासन की योजनाओं में भी बहुत सारे संस्थान, गैर सरकारी संगठन, आम लोग आगे आ रहे हैं और भविष्य में हर संभव सहायता का आश्वासन दे रहे हैं। ऐसे लोग बधाई के पात्र है, मैं सभी का आभार व्यक्त करते हुए ईश्वर से आप सभी की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में हजारों की संख्या में लोगों के घर बह गए हैं और हजारों की संख्या में ऐसे घर हैं जो आंशिक रूप से नष्ट हुए हैं लेकिन वह रहने लायक नहीं है। अभी तक सभी प्रभावितों का आधिकारिक आंकड़ा भी सामने नहीं आया है। इसलिए प्रदेश सरकार से मेरा आग्रह है कि लोगों के हुए नुकसान का संपूर्ण आंकड़ा दस्तावेजों के साथ जारी किया जाए। पुनर्वास और पुनर्निर्माण की योजनाओं गति मिल सके और उन्हें प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जा सके।