DNN शिमला (रमेश वर्मा)
राफेल खरीद घोटाले को लेकर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सुक्खू ने कहा कि पीएम मोदी घोटाले पर मौन धारण करने की बजाए देश की जनता को जवाब दें। उनकी चुप्पी घोटाले पर मुहर लगा रही है। 60,145 करोड़ रुपये की राफेल डील ने साबित कर दिया कि ‘कल्चर ऑफ क्रोनी कैपटलिज़्म’ मोदी सरकार का डीएनए बन गया है। ‘झूठ परोसना’ व ‘छल-कपट का चक्रव्यूह बुन’ देश को बरगलाना ही सबसे बड़े रक्षा सौदे में भाजपा का मूल मंत्र है। एक झूठ छिपाने के लिए सौ और झूठ बोले जा रहे हैं। सच यह है कि 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की एकतरफा खरीद से सीधे-सीधे ‘गहरी साजिश’, ‘धोखाधड़ी’ व ‘सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के गड़बड़झाले का अंदेशा है। प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री पूरा सच देश को क्यों नहीं बता रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि संसद में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के राफेल खरीद घोटाले की परतें खोलने से भाजपा बौखला गई है। डील को सही साबित करने के लिए झूठ का आडंबर खड़ा किया जा रहा है।
सुक्खू ने पूछा कि आखिर मोदी सरकार ने किस मजबूरी में इतनी महंगी डील की। रक्षा मंत्री भी देश को पूरे मामले में गुमराह कर रही हैं। क्या ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर रक्षा मंत्रालय के ष्एक्विजि़शन मैनेजरष् ने हस्ताक्षर किएघ् डीओएमडब्लू द्वारा छह महीने में किया जाने वाला ऑडिट क्यों नहीं किया गयाघ् यूपीए सरकार 126 विमानों के लिए 54ए000 करोड़ रुपये दे रही थीए जबकि मोदी सरकार सिर्फ 36 विमानों के लिए 60ए145 करोड़ दे रही है। 2012 में इस की किमत 526.10 थी व अब एक विमान की कीमत 16ण्70 करोड़ रुपये बैठ रही हैए जबकि कांग्रेस 428 करोड़ रुपये में खरीद रही थी भाजपा सरकार के सौदे में मेक इन इंडिया का कोई प्रावधान नहीं है। सुक्खू ने कहा कि यूपीए के सौदे में विमानों की एसेंबलिंग करने में भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एरोनाॅटिक्ल लिमिटेड यानि एचएएल को शामिल करने की बात थी। भारत में यही एक कंपनी है जो सैन्य विमान बनाती हैए लेकिन एनडीए सरकार ने अपने सौदे में एचएएल को बाहर कर यह काम निजी कंपनी को सौंप दिया है। मोदी सरकार एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचा रही है। सौदे से बाहर होने पर एचएएल को लगभग 25000 करोड़ रुपये का घाटा होगा। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ेगी।