DNN सोलन ब्यूरो
28 फरवरी। जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों पर स्थानीय कलाकारों ने अपने ही नियमों को तोडऩे का आरोप लगाया है। इससे जिला के स्थानीय कलाकारों के साथ भी धोखा हुआ है। इन कलाकारों ने यहां पर विभाग द्वारा करवाई गई जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता को रद करवाने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है अन्यथा कोई भी स्थानीय कलाकार विभाग के कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं का बहिष्कार करेंगे।24 फरवरी को जिला भाषा अधिकारी द्वारा जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता का किया आयोजन
सोलन में रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश यूजिक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश राजपूत ने कहा कि 24 फरवरी को जिला भाषा अधिकारी द्वारा जिला स्तरीय लोकनृत्य की एक प्रतियोगिता करवाई गई थी जिसमें विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर जिला के कलाकारों को निराश किया। लोकनृत्य प्रतियोगिता के लिए गत वर्षों की तरह ही एक नियम था कि इस प्रतियोगिता में जिला सोलन के ही लोक कलाकार भाग लेंगे और यदि कोई दल जिला के बाहर से कोई कलाकार लाता है तो उसे प्रस्तुति देने की इजाजत नहीं दी जाएगी और वह दल डिसक्वालीफाई कर दिया जाएगा।यह है आरोप
उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में जिला भाषा अधिकारी ने विशेष आग्रह करके कंडाघाट के एक यूजिकल ग्रुप को प्रतियोगिता के लिए बुलाया और ग्रुप को यह छूट दे दी कि आप अन्य जिलों के कलाकारों को प्रतियोगिता में ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह साबित होता है कि भाषा अधिकारी का यह कृत्य तानाशाहीपूर्ण था और उन्होंने नियमों को तोड़कर स्थानीय कलाकारों के साथ धोखा किया जिससे स्थानीय कलाकार रुष्ट हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान रमेश राजपूत ने कहा कि जिला भाषा अधिकारी ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है, जो धनराशि स्थानीय कलाकारों पर खर्च होनी थी वह मंडी, शिमला और सिरमौर के कलाकारों पर खर्च की गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लोकप्रिय सरकार यह धनराशि स्थानीय कलाकारों पर खर्च करने के लिए देती है जिन्हें भाषा अधिकारी ने मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया।
कलाकारों ने दी चेतावनी
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द जिला भाषा अधिकारी को हटाया जाए व इस प्रतियोगिता के विजेता दल जिसमें दूसरे जिलों के कलाकार शामिल है को डिस्क्वालीफाई किया जाए अन्यथा आने-वाले समय में जिला के कलाकार किसी भी लोकसंस्कृति प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे। वहीं दूसरी ओर इस प्रतियोगिता में जिला भाषा अधिकारी द्वारा कोविड-19नियमों का भी पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जिला भाषा अधिकारी ने जो इस प्रतियोगिता में धांधली की है उसकी जांच करवाई जाए। इस मौके पर उनके साथ मस्तराम व गौरी शंकर भी मौजूद रहे।