ऊना में आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन सतर्क, 800 से अधिक सिविल डिफेंस वालंटियर पंजीकृत

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DNN ऊना, 18 जून

दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 के दृष्टिगत संभावित आपदाओं से प्रभावी रूप से निपटने के लिए ऊना जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। विभागीय समन्वय को सुदृढ़ करने के साथ-साथ सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के पंजीकरण और प्रशिक्षण के माध्यम से आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत किया जा रहा है।
अब तक ऊना जिले में 800 से अधिक सिविल डिफेंस वालंटियर पंजीकृत किए जा चुके हैं, जिनके प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रगति पर हैं। ये वालंटियर आपदा की स्थिति में राहत, बचाव और आपात समन्वय जैसे कार्यों में प्रशासन को सहयोग प्रदान करेंगे। और अधिक नागरिकों को इस अभियान से जोड़ने की दिशा में भी प्रयास जारी हैं।
यह जानकारी उपायुक्त जतिन लाल ने बुधवार को शिमला से मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दी। उन्होंने बताया कि मानसून को लेकर आपदा प्रबंधन तैयारियों के संबंध में सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने, पूर्व चेतावनी प्रणाली को सक्रिय रखने और सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि संभावित बाढ़, जलभराव या अन्य आपदाजनक परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी जरूरी इंतज़ाम पहले से सुनिश्चित कर लिए गए हैं। सभी विभागों को मानसून के दौरान जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु पूरी तरह सतर्क और तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स वे आम नागरिक होते हैं जो प्रशिक्षण प्राप्त कर आपदा की स्थिति में स्वयंसेवकों के रूप में कार्य करते हैं। जिला प्रशासन द्वारा इनका पंजीकरण और प्रशिक्षण किया जाता है। इन्हें बचाव, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, सर्च-रेस्क्यू जैसे विषयों में दक्ष बनाया जाता है। यह पहल ऊना जिले को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अधिक सक्षम और संगठित बनाने की दिशा में ठोस कदम है।
इस समीक्षा बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया, गृह रक्षक कमांडेंट विकास सकलानी, जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेश धीमान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपायुक्त के साथ एनआईसी कक्ष में उपस्थित रहे।

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