हिमाचल के विकास की परिकल्पना डा. परमार की देन-राजीव बिंदल

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DNN सोलन 
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने कहा कि डा. यशवंत सिंह परमार ने हिमाचल प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त किया तथा हिमाचल के विकास की उनकी परिकल्पना को साकार करना ही डा. परमार के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डा. बिंदल यहां स्वर्गीय डा. परमार की 112वीं जयंती पर सिरमौर कल्याण मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डा. बिंदल ने कहा कि हिमाचल जैसे दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में नाममात्र साधनों के साथ जब डा. परमार ने बागडोर संभाली तो विकास की परिकल्पना करना स्वप्न सरीखा था। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हिमाचल निर्माता स्वर्गीय डा. परमार ने केवल विकास को मूर्तरूप दिया अपितु इस पहाड़ी प्रदेश के विकास की दीर्घकालीन योजना भी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय डा. परमार सही मायनों में हिमाचल के मार्गदर्शक एवं मार्ग प्रशस्त करने वाले हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश विधानसभा में गत एक माह में स्वर्गीय डा. परमार द्वारा विधानसभा सदन में दिए गए वक्तव्यों का संकलन तैयार किया गया है। इस संकलन में स्वर्गीय डा. परमार द्वारा वर्ष 1952 से वर्ष 1976 तक सदन में दिए गए वक्तव्य सम्मिलत हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 2200 पृष्ठों वाले इस संकलन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। डा. बिंदल ने कहा कि डा. परमार ने कहा था कि ‘हिमाचल की ईमानदारी हमारी संस्कृति है।’ उन्होंने कहा कि एक वाक्य में स्वर्गीय डा. परमार ने उस समय हिमाचल का जो रूप प्रस्तुत किया था उसे आज न केवल सहेजना है अपितु विरासत में भावी पीढ़ियां को भी सौंपना है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय डाॅ. परमार विलक्षण प्रतिभा युक्त व्यक्तित्व के स्वामी थे। उन्होंने हिमाचल के विकास की रेखाएं खींची। इन्हीं रेखाओं को सुदृढ़ कर आज हिमाचल विकास मार्ग पर तेजी के साथ अग्रसर है।

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