DNN सराहां (सुरेश कुमार)
सराहां के ऐतिहासिक हनुमान मंदिर में मंदिर के जीर्णोद्धार के उपरांत भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों भक्तों ने भंडारे प्रसाद को ग्रहण किया। बता दे कि जोहना का हनुमान मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराना है। अगर इसके इतिहास की बात करें तो श्री महंत 1008 रामदास जी सराहां जोहना गांव में आये थे। जहां पर उन्होंने कठिन तपस्या की बुजुर्ग लोग बताते हैं कि महंत रामेश्वर दास एक बार तपस्या में बैठे थे उस समय सराहां में बर्फ पड़ गई और महंत उस बर्फ में दब गए थे। सबसे बड़ी बात जो हनुमान जी की मूरत मंदिर में है वो गायें के गोबर से महंत जी ने स्वयं बनाई है इसके इलावा भी उनकी कठिन तपस्या की कई बातें लोग बताते हैं।
महंत रामेश्वर दास के समाधि लेने के बाद मंदिर की हालत काफी जर्जर हो गई थी सालों तक मंदिर में गांव वासी ही पूजा अर्चना किया करते थे।कुछ वर्षों पहले महंत परमेश्वर दास जी ने इस मंदिर में का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करवाया जो कि अब लगभग समाप्त हो चुका है। इस मंदिर में लोग दूर दूर से मन्नत मांगने पूंछते तथा मन्नत पूरी होने पर लोग भंडारों व पूजा अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं। महंत परमेश्वर दास सामाजिक कार्यों में भी अपनी भूमिका निभाते है । गांव के बच्चों को शाम के समय पढ़ाना उनकी दिनचर्या का विशेष हिस्सा है। आज मंदिर जीर्णोद्धार के कार्यक्रम में महन्त साध्वी गंगा दास जी, पंचवटी आश्रम गंगा घाट हरिद्वार ,आनंद प्रकाश शरबोला केंद्रीयमंत्री विश्व हिंदुपरिषद सेवा विभाग के इलावा सैंकड़ों हनुमान भक्तों ने अपना शीश नवाया तथा हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।