DNN आनी (चमन)
आनी खण्ड की सबसे पहली रिश्ता-मिश्ता उठाउ पेयजल योजना करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार की गई थी। जिसका वर्ष नवंबर 2013 को लोकार्पण किया जा चुका है। जब से योजना शुरू की गई तब से यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। लोकार्पण के बाद से ही इस योजना की पाईपें जमीन से उपर नजर आ रही थी तो कहीं टेंकों में ढ़क्कन नहीं लगे थे , कई जगहों में इस योजना का पानी लीक कर रहा था तो कई स्थानों पर बेवजह मैन लाईनों से टी जोड़ कर रखी गई थी। जिसका लोगों ने भरपूर विरोध किया था। शिकायत मिलने के बाद आनन -फानन में विभाग द्वारा योजना को दुरूस्त करने की बातें भी करता रहा लेकिन जमीन पर ये योजना आज भी लोगों की उम्मीदों के उपर पूरी तरह से खरा नहीं उतर पाई।
क्षेत्र की कराणा और कुंगश पंचायत के गांव के लिए जुडी ये योजना सिर्फ गर्मियों के मौसम में ही चलाई जाती है। क्योंकि इस योजना को खनाग क्षेत्र के लोहाल नाले से उठाया गया है जो काफी सर्द क्षेत्र है। सर्दियों के मौसम में इस योजना की पाईपें जम जाती है। जिसके चलतेे बर्फ पिघलने तक आईपीएच विभाग इस योजना को पूरी साल भर चलाने में नाकाम साबित हुआ है। अप्रेल के महीने में इस योजना को विभाग की तरफ से काफी मशक्कतों के बाद शुरू भी किया जाता है लेकिन विभाग द्वारा सभी क्षेत्रों तक इस योजना का पानी सुचारू नहीं पहुंचाया जाता जिस कारण यह योजना सफेद हाथी साबित हो रही है। क्षेत्र के लोगों के लिए सबसे बडी महत्वाकांक्षी रिश्ता-मिश्ता उठाउ पेयजल योजना 6 सालों में छः महीने भी पानी नहीं दे पाई। संघर्ष समिति कराणा के अध्यक्ष निकाराम ठाकुर, एचके शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, शेरसिंह बादल, मोलकराज, संदीप, दिनेश कुमार आदि लोगों का कहना है कि उनके गांव को इस योजना का पानी साल में एक दो बार ही पहुंचता है जब जरूरत होती है तब इस योजना की पाईपें खाली रहती है। उन्होंने आईपीएच विभाग से मांग उठाई है कि अब गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में इस योजना को भी सही तरीके से चलाया जाए ताकि जनता इस बडी योजना का लाभ ले सके। वहीं इस बारे में आनी डिवीजन के एसडीओ पीसी भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने दूसरे ठेकेदार को इस योजना को चलाने का काम दिया है जल्द ही योजना को सुचारू रूप से चलाया जाएगा।