DNN धर्मशाला
देश के 70वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर आज कांगड़ा जिले के धर्मशाला में ज़िला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वन, परिवहन व युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने समारोह की अध्यक्षता की। इस दौरान वन व परिवहन मंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस, होमगार्ड और विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों की एनसीसी, स्काऊटस व गाईडस एवं एनएसएस की टुकड़ियों द्वारा निकाले गए आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में गोविन्द सिंह ठाकुर ने संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश की आजादी एवं गणतंत्र की स्थापना में स्वतंत्रता सेनानियों के बहुमूल्य योगदान, निस्वार्थ त्याग और बलिदान को याद किया। उन्होंने बहुमूल्य सेवाओं के लिए भारतीय सेनाओं के जवानों का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी कर्मचारियों, सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए कृतसंकल्प है।
वनों को रोजगार से जोड़ने को 800 करोड़ की योजना
वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 800 करोड़ रुपए की 10 वर्षीय जायका परियोजना शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्ददेश्य वन आवरण तथा घनत्व बढ़ाना तथा स्थानीय लोगों के लिए वनों पर आधारित जीविका प्रदान करने और आमदनी बढ़ाने के अधिक से अधिक अवसर पैदा करना है। इसके अलावा चीड़ के जंगलों में चीड़ की पत्तियां आग का मुख्य कारण होती हैं। इन पत्तियों को इकट्ठा करने व वन भूमि से हटाने के उद्देश्य से एक नई नीति बनाई गई है। इसके तहत चीड़ की पत्तियों पर आधारति उद्योग लगाने पर 50 प्रतिशत उपदान देने का प्रावधान किया गया है।
80 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पौधरोपण एवं उनके संरक्षण में समुदाय की भागीदारी तय बनाने पर जोर दे रही है। यह तय बनाया जा रहा है कि जो पौधे लगाए जाएं उनकी सुरक्षा भी हो। इसलिए पौधरोपण के साथ फेंसिंग लगाने का काम किया जा रहा है। मुहिम के अंतर्गत प्रदेशभर में आज तक 60 लाख पोधे लगाए गए हैं। गर्मियों से पहले पहले जब तक जमीन में नमी रहेगी, 80 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।
जंगल हिमाचल की शान
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सदाबहार, घने जंगल यहां की शान हैं। जंगलों के संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ाने के लिए सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की हैं। वनों को रोजगार और आजीविका का साधन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने इस उद्देश्य से अनेक योजनाएं आरंभ की हैं। प्रदेश में वन समृद्धि जन समृद्धि योजना शुरू की गई है, इसके जरिये लोगों को जड़ी बूटी इकट्ठा करने, प्रसंस्करण और विपणन के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पौधरोपण एवं उनके संरक्षण में समुदाय की भागीदारी तय बनाने के लिए प्रदेश में सामुदायिक वन संवर्धन योजना आरंभ की गई है। इस योजना के तहत युवक व महिला मंडलों को पौधरोपण के लिए भूखंड आवंटित किए जा रहे हैं। इसी प्रकार स्कूली बच्चों को वन संरक्षण के अभियान से जोड़ने के लिए विद्यार्थी वन मित्र योजना शुरू की गई है।