DNN केलांग
20 नम्बर। अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान केबिनेट मंत्री डा मारकंडा ने मयाड घाटी के तिंगरेट में 7 लाख 59 हजार रूपये की लागत से निर्मित पंचायत भवन का उदघाटन कर जनता को समर्पित किया। पंचायत भवन को पूरी तरह बुडन फिनिशिंग की गई है। इस पंचायत भवन में कार्यालय के साथ पंचायत सचिव के लिए आवास की व्यवस्था की गई है। पंचायत भवन के उदघाटन मौके पर डा मारकंडा ने कहा कि भाजपा कार्यकाल के दौरान लाहौल स्पीति में रिकार्ड विकास कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि मयाड वैली में ही उनके कार्यकाल में 5 बडे पुलों का निर्माण कार्य हुआ है। कृषि क्षेत्रों में पिछले तीन साल के भीतर 1688 पावर टिलर आवंटित किए गए हैं। मारकंडा ने कहा कि 1998 में जब वह पहली बार विधायक बने थे उस दौर लाहौल स्पीति का बजट 15 करोड रूपये था जो कि अब बढ 75 करोड रूपये तक पहुंच गया है। कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरा हर लाहौल स्पीति के बजट में कटौती की गई। वहीं कांग्रेस सरकारों ने पावर टिलर समेत कृषि उपकरणों पर सब्सीडी केवल 1 हेक्टियर से अधिक कृषि भूमि वाले किसानों को ही दी जा रही थी। सता में आने के बाद उन्होंने इन शर्तों को हटा कर सभी किसानों के लिए सब्सीडी का प्रावधान किया। इस दौरान एसडीएम उदयपुर निशांत तोमर, टीएसी मेंबर शमशेर झेग, तिंगरेट पंचायत प्रधान अनिता, चिमरेट प्रधान प्रेमदार, उपप्रधान तिंगरेट रविन्द्र, अधीशाषी अभियंता लोनिवि बीसी नेगी, एडीओ बिजली बोर्ड प्रेम ठाकुर, एसडीओ जल शक्ति अजय समेत अधिकारी मोजूद रहे।
केलांग। भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में पहली बार हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में पहली बार आदि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। किन्नौर में इस महोत्सव का शुभारंभ सीएम जयराम ठाकुर और लाहौल स्पीति में केबिनेट मंत्री डा रामलाल मारकंडा ने किया। लाहौल के दुर्गम मयाड घाटी के तिंरगेट गांव में डा मारकंडा ने आदि महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान मारकंडा भगवान बिरसा मुंडा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि आर्पित करते हुए उनके संघर्षों को नमन किया। यह महोत्सव पूरे देशभर में 16 से 30 नबंवर तक आयोजित किया जा रहा है। राष्टीय जनजातीय महोत्सव के रूप में पूरे देश में मनाए जा रहे आदि महोत्व पखवाडा के आयोजन की श्रृख्ंाला में जनजातीय विकास मंत्री डा मारकंडा ने भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में आयोजित किए जा रहे महोत्व में शिरकत की। मारकंडा ने कहा कि जनजातीय अधिकारों के संघर्ष में बिरसा मुंडा को जनजातीय समुदाय के नायक के रूप जाना जाता है। जनजातीय समुदाय में उन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है। कहा कि आदि महोत्व का मकसद जहां एक और भगवान बिरसा मुंडा के संघर्षांे को याद करके जनजातीय अधिकारों के लिए संघर्ष का प्रण लेना है वहीं पर आदिवासी संस्कृति की भावना, शिल्प, भोजन, व्यापार एवं आदिवासी कला तथा हस्तशिल्प को बढावा देना है। इस मौके पर उरगोस महिला मंडल ने लोक नृत्य एवं लोकगीत की प्रस्तुतियां पेश कर मयाड घाटी समृद्व संस्कृति का प्रदर्शन किया। महोत्सव में लाहौल की हस्तशिल्प कला के लिए मशहूर उनी वस्त्रों, जुराब, टोपी, पटटी, थोबी के साथ छरमा से बने उत्पादों का प्रदर्शनी भी लगाई गई। रविवार को सलपट गांव में आदि महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मारकंडा कहा कि भारत सरकार की ओर छरमा प्रोसेसिंग के लिए 25 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं। इस बजट से तिंगरेट, केलांग, जिस्पा और उदयपुर में छरमा से बने उत्पादों के निर्माण के लिए यनिटों की स्थापना की जाएगी। मारकंडा ने अपनी ऐच्छिक निधि से उरगोस महिला मंडल को 15000 रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप संस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती के लिए दी।