DNN अर्की (राजन)
29 अगस्त। उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग के अध्यापकों द्वारा कोरोना महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो। इसके लिए गांवो में जाकर उनके घरद्वार पर शिक्षा देने की मुहिम शुरू की है। क्योंकि अर्की उपमंडल के दूरदराज क्षेत्र के गांव में नेटवर्क की प्रॉब्लम होने के चलते बच्चों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर उचित दूरी व मास्क लगाकर ही शिक्षा दी जाए। ताकि बच्चों की शिक्षा में कोई असुविधा ना हो।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग के प्रधानाचार्य रविन्द्र शर्मा ने इस विषय पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी के चलते विद्यालय के अध्यापक अपने विषयो पर ऑन लाइन पढ़ाई करवा रहे है। लेकिन कुछ बच्चों से ज्ञात हुआ कि उनके पास एंड्राइड फोन की सुविधा नही है। साथ ही उनके क्षेत्र में नेटवर्क की प्रॉब्लम भी है। इस कारण पढ़ाई में असुविधा हो रही है। जिसके चलते विद्यालय प्रबन्धन ने निर्णय लिया कि कुछ ऐसी जगह चुनी जाए जहाँ आस पास के गांवों के बच्चे एकत्रित हो सके तथा उस स्थान पर अध्यापक स्वयं जाकर बच्चों में आवश्यक दूसरी व मास्क के नियम की पालना करवाते हुए पढ़ाई करवाये। ताकि बच्चों का पढ़ाई का नुकसान न हो सके।
इसी कड़ी में विद्यालय प्रबंधन द्वारा अभिभावकों और बच्चों के साथ बात कर क्षेत्र में कुछ स्थान नियुक्त किए है। जैसे बखालग का शिव मंदिर प्रांगण, बाँहवा का रेन शेल्टर, बनिया देवी प्रांगण, गांव दिदू व खेंर घाटी जहाँ अध्यापक स्वयं निश्चित कर समय पर जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे। ताकि प्रति शनिवार को होने वाली विद्यार्थियों की ऑन लाइन क्विज कंपीटिशन में यह बच्चे शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कर सके। साथ ही बच्चों की पढ़ाई में भी किसी प्रकार की समस्या न रहे। इसी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र ने बताया कि उनके क्षेत्र में नेटवर्क की प्रॉब्लम होने के कारण पढ़ाई में सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था परंतु विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस समस्या को देखते हुए उन्हें घरद्वार पर ही शिक्षा दी जा रही है। जिससे सभी विद्यार्थी बेहद प्रसन्न है और उनकी पढ़ाई भी अच्छे तरीके से चल रही है।