नौणी विवि में 2 जनवरी से होंगी फलदार पौधे की बिक्री; करीब 89000 तैयार

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DNN नौणी
डॉ॰ वाईएस परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी हर साल की तरह इस साल भी फलदार पौधे, बागवानों को उपलब्ध करवाएगा। इस वर्ष वैज्ञानिकों द्वारा फलों की विभिन्न किस्मों के करीब 89000 पौधे तैयार किए गए हैं जो विश्वविद्यालय परिसर में किसानों को उपलब्ध होंगें। इन पौधों की बिक्री नौणी विश्वविद्यालय परिसर में 2 जनवरी से शुरू हो जाएगी। यह सभी पौधे पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ही बेचे जायेंगें। इसके अलावा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों ने भी करीब 57000 पौधे बागवानों के लिए तैयार किए हैं। नौणी विवि के अंतर्गत आने वाले सोलन के कृषि विकास केन्द्र कंडाघाट, किन्नौर के केवीके शारबो, लाहौल स्पीति के केवीके ताबो, शिमला के केवीके रोहडू, केवीके चंबा और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा और मशोबरा, औदयनिकी महाविद्यालय नेरी में भी पौधे तैयार किए गए हैं। इन सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों में पौधों की अलग से बिक्री की जाएगी। जिन फलदार पौधों की बिक्री होगी उनमें सेब, कीवी, पलम, खुरमानी, आड़ू, अखरोट, चेरी, आनर, नेक्टरिन, पेरसिमोन, पेकननट, अंगूर, नाशपती आदि शामिल रहेगें। विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग, बीज विज्ञान और अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत आने वाले मॉडल फार्म में इन पौधों को तैयार किया गया है।

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