नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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DNN कुल्लू

09 मार्च। नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आज कुल्लू स्थित जिला परिषद बैठक कक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें नेहरू युवा केन्द्र के मास्टर व्लांटियर्ज तथा जिला स्तरीय समिति के सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने की तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ राज्य संयोजक रसिता नुसरत इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहीं।अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने कहा कि नशा नाश का दूसरा नाम है तथा इसे समाज से पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा हमारे देश का भविष्य हैं तथा इन्हें नशे से बचाने के लिए खेलकूद गतिविधियों तथा अन्य सामाजिक व रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक नशे से सबसे अधिक प्रभावित भारत के 272 जिलों में से जिला कुल्लू भी शामिल है तथा जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को इस अभियान के साथ जोड़कर नशा निवारण गतिविधियों को बड़े पैमाने पर चलाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा मनुष्य को मानसिक तथा शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है। एक स्वस्थ व सशक्त समाज के लिए जीवन में कभी भी नशा नहीं करने का संकल्प लेना चाहिए। नशे की लत लगने पर प्रारम्भिक स्तर पर उसे रोका जाना चाहिए अन्यथा आदी होने पर उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू को भारत के उन 272 जिलों में शामिल किया गया गया है जहां नशे का प्रकोप अधिक है। इसलिए कुल्लू जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए यहां नशा मुक्ति अभियान  को एक मिशन मोड में चलाने की जरूरत है। हिमाचल के तीन अन्य जिले मंडी, शिमला तथा चंबा को सर्वें के मुताबिक सबसे अधिक नशा प्रभावित जिलों में चिन्हित किया गया है। नशामुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग की अहम भूमिका रहती है। स्कूलों में बच्चों में नशा निवारण पर चित्रकला प्रतियोगिता, भाषण तथा नारा लेखन प्रतियोगिताओं के माध्यम से नशे से दूर रहने का संदेश दिया जाता है। नशे को शौक न समझें, स्वयं भी नशे से दूर रहें तथा अन्य लोगों को भी दूर रहने के लिए प्रेरित करें। युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव बताने के साथ-साथ नियम-कानून के बारे में भी विस्तार से जानकारी देनी चाहिए ताकि वे जागरूक बनकर इस बुराई से बचे सकें।इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ राज्य संयोजक रसिता नुसरत तथा राज्य संयोजक एरूम मलिक ने भी नशा मुक्त भारत अभियान की आवश्यकता तथा समाज से नशे के समूल खत्म करने को लेकर जानकारी  प्रदान की तथा महत्वपूर्ण  जानकारियों से परिपूर्ण वीडियो भी प्रदर्शित किया गया। कार्यशाला में उपस्थित मास्टर स्वयंसेवियों तथा सभी हितधारकों ने जिला कुल्लू को नशा मुक्त बनाने को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। इसके बाद अभियान के तहत क्षेत्र स्तर पर आ रही कठिनाईयों को लेकर प्रश्न-उत्त्र सत्र आयोजित किया गया जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर वरिष्ठ राज्य संयोजक द्वारा सुझावों तथा आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी माटर व्लांटियर्ज तथा विभिन्न विभागों के सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्यों को जीवन में कभी भी नशा न करने तथा समाज से इस बुराई को खत्म करने में बढ़-चढ़ कर भाग लेने को शपथ भी दिलाई गई।जिला कल्याण अधिकारी समीर चंद ने कहा कि नष्शा के साथ-साथ अन्य सामाजिक बुराईयों को समाज से खत्म करने के लिए सरकार का प्रयास रहता है। नशा एक सामाजिक बुराई है तथा समाज से इसे पूर्णरूप से खत्म करने के लिए आरम्भिक स्तर पर रोका जाना चाहिए।
नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला कुल्लू में पहली बार कार्यशाला का आयोजन किया गया। निश्चित रूप से सभी के सहयोग तथा अभियान को मिशन मोड में चलाकर जिला कुल्लू को नशा मुक्त बनाने में बल मिलेगा।
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