दिल्ली में छाया पुलिस नाके पर भगवान

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डीएनएन दिल्ली
दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में सोलन के व्यंग्यकार डा. अशोक गौतम के व्यंग्य संग्रह पुलिस नाके पर भगवान का लोकार्पण हिमाचल प्रदेश कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी के मंच पर ज्वाइंट सेकरेट्री आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार बीके अग्रवाल ने किया। अशोक गौतम का यह ग्यारहवां व्यंग्य संग्रह प्रकाशित हुआ है। बीस वर्षों से वे लगातार व्यंग्य लिख रहे हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के व्यंग्य लेखन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई है। व्यंग्य संग्रह के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यातिथि बीके अग्रवाल ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश के साहित्यकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर दस्तक दी है। संग्रह की समीक्षा करते हुए सरिता के संपादक उग्रसेन मिश्र ने व्यंग्य संग्रह की विशेषताओं के बारे में कहा कि व्यंग्य विधा का आज के समय में अपना एक विशेष है। यही वजह है कि अन्य साहित्यिक विधाओं की अपेक्षा व्यंग्य विधा समाज में पाठकों को अपनी ओर तेजी से आकर्षित कर रही है। जहां तक अशोक गौतम के व्यंग्यों का प्रश्न है वे समाज से गहरे तक जुड़े हैं। वे समाज की विसंगतियों को अपने व्यंग्य में इस तरह उठाते हैं कि उनकी भाषा शैली देखते ही बनती है। व्यंग्य की खासियत यही होती है कि आम लोग जिन बातों को इग्नोर कर देते हैं व्यंग्यकार के लिए वही बातें महत्वपूर्ण होती है। इस संग्रह में जितने भी व्यंग्य हैं वे समाज की विसंगतियों को हर कोने से देखते हैं और अपने पाठकों के हाथों में एक हथियार थमनाने की कोशिश करते हैं ताकि उन विसंगतियों से लड़ा जा सकंे।

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