DNN कुल्लू
30 दिसम्बर। जिला में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बेशक जिलावासियों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है, इस तथ्य को जहन में रखना जरूरी है। यह बात उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कही। डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में पिछले 15 दिनों के दौरान निर्धारित लक्ष्य से अधिक सैंपलिंग की गई है। इसके बावजूद संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सुधार की यह स्थिति स्वतः नहीं बनी है, बल्कि इसके लिए जिला प्रशासन ने खास रणनीति तैयार की और जिलावासी भी भरपूर सहयोग कर रहे हैं। सबसे जरूरी था कि होम आईसोलेशन के दौरान कोविड पाॅजिटिव व्यक्ति पूरी तरह से दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर निगरानी समितियां बनाई गई हैं जो लगातार आईसोलेशन मामलों पर नजर रखें हैं ताकि किसी दूसरे को संक्रमण न फैले। इससे भी महत्वपूर्ण है कि सभी प्राईमरी सम्पर्कों की पहचान करके सैंपलिंग की जा रही है।
आईसीएमआर ने लिए 500 सैंपल
उपायुक्त ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की टीम जिला में 1300 सैंपल ले चुकी है। पहली बार लिए गए 405 सैंपलों में एक भी पाॅजिटिव नहीं पाया गया था। दूसरी बार लिए गए 400 सैंपलों में केवल दो व्यक्तियों में एन्टी बाॅडी पाई गई थी और अब तीसरी बार 100 स्वास्थ्य कर्मियों सहित 500 सैंपल लिए गए हैं। सैंपल लेने का उद्देश्य जिला में कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति का पता लगाना है। इसकी रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आएगी।
114 सक्रिय मामले हैं जिला में
डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में मंगलवार रात्रि तक केवल 114 एक्टिव केस हैं। कुल 4349 कोविड मामलों में 4151 स्वस्थ हो चुके हैं। इसी दिन केवल तीन पाॅजिटिव मामले आएं जबकि 40 लोग एक दिन में स्वस्थ हुए। जिला में कुल 84 मौतें हुई हैं जिनमें से दो नाॅन कोविड कारणों से हुई हैं।
कारगर रहा संचेतना अभियान
उपायुक्त ने कहा कि बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए कुल्लू में संचेतना अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी वरिष्ठ नागरिकों में लक्षणों का पता लगाकर उनके सैंपल लिए गए और लोगों को घर-घर जाकर जागरूक किया गया। वरिष्ठ नागरिकों को पलस ऑक्सीनेटर तथा कोरोना बचाव के पैम्फलेट प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि संचेतना को काफी सफलता मिली और शहर में हर रोज कोरोना के 10 से 15 मामले हर रोज आ रहे थे, वह श्रृंखला टूट गई। जिला के विभिन्न भागों में लाउड-स्पीकरों के माध्यम से लोगों में जागरूकता उत्पन्न की गई। डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में सार्वजनिक आयोजनों में भीड-भाड़ के कारण कोरोना मामलों में काफी उच्छाल आया, जो सभी के लिये चिंता का विषय बन गया। दिसम्बर प्रथम और द्धितीय सप्ताह के दौरान बड़ी संख्या में विवाह-शादियों के अलावा अनेक अन्य धार्मिक व सामाजिक समारोहों के आयोजन किए गए। प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक समारोहों में 50 लोगों की मौजूदगी को सीमित किया। इस एसओपी का जिला में सख्ती से लागू किया गया। सभी सार्वजनिक समारोहों के आयोजनों की अनुमति मेजबान को प्रशासन से लेनी पड़ती है। समारोह अथवा आयोजन में जिला प्रशासन का कोई अधिकारी अथवा पुलिस स्वयं जा रही है और 50 लोगों की उपस्थिति को सुनिश्चित बनाया जा रहा है। उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है तथा कानूनन कार्रवाई की जा रही है।
सादगीपूर्ण हो रहे जिला में सार्वजनिक समारोह, लोग एसओपी का रख रहें ख्याल
उपायुक्त ने कहा कि जिला के लोग कोरोना के खतरे को अच्छी तरह से भांप चुके हैं और सार्वजनिक समारोहों में जाने से परहेज कर रहे हैं। लोग सार्वजनिक जलपान अथवा भोज से उत्पन्न खतरे को जान चुके हैं। एहतियात बरतने को अपना कर्तव्य समझते हुए न केवल अपने आप बल्कि अपने प्रियजनों को भी कोरोना संक्रमण से बचाने में मदद कर रहे हैं। डाॅ. ऋचा वर्मा ने कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए जिलावासियों के सकारात्मक योगदान की सराहना की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की भी सराहना की है। उन्होंने जन-जन से पुनः अपील की है कि वायरस के व्यवहार का पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, इसलिए सावधानी और सतर्कता बनाए रखें। घर से बाहर बिना मास्क के न निकले। तीन लेयर वाले मास्क का उपयोग करें और इसे हाथ से न छूए। हाथों की निरंतर सफाई करते रहें। सबसे जरूरी एहतियात भीड़ का हिस्सा न बनें और हर दूसरे व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें।