DNN शिमला/सोलन
आरक्षण के दुष्परिणामों से अब स्वर्ण समाज आंदोलन के लिए लामबंद होने लगा है । हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से स्वर्ण आयोग के गठन की मांग की जा रही है । साथ ही अब लोग प्रदेश में हो रही सरकारी भर्तियों में आरक्षण का विरोध करने लगे हैं । स्वर्ण समाज के लोगों का कहना है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए क्योंकि स्वर्ण समाज के लोग भी आर्थिक तौर पर कमजोर हैं और उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए । वहीं सोमवार को हिमाचल प्रदेश में आरक्षण के विरोध में प्रदेश भर में प्रदर्शन किया गया।
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में हो रही पुलिस भर्ती (Police ) में आरक्षण के खिलाफ क्षेत्रीय संगठन ने मोर्चा खोल दिया है क्षेत्रीय संगठन ने आरक्षण के खिलाफ प्रदेश भर में जिला उपायुक्तों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया । शिमला (Shimla) सिरमौर, सोलन (Solan) में भी संगठन के पदाधिकारियों ने डीसी को ज्ञापन सौंपे और पुलिस भर्ती में आरक्षण खत्म करने की मांग की। साथ ही मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी।
देवभूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष मदन सिंह ने कहा कि स्वर्ण परिवारों के योग्य युवाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और काबिल युवाओं का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश में हो रही पुलिस भर्ती में जाति आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है । जिसके चलते स्वर्ण परिवारों के युवा पुलिस में भर्ती होने से वंचित हो रहे हैं। जातिवाद के आधार सरकारी विभागों में खत्म करना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि पुलिस भर्ती में संज्ञान लेते हुए भर्ती में शामिल होने वाले समाज के युवाओं एवं युवतियों के लिए समानता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए जातिवाद को बढ़ावा न देते हुए पुलिस भर्ती में एक समान रूप से शुल्क ग्राउंड, कंपटीशन, उम्र सीमा एवं प्रवेश अंक प्रतिशतता लागू की जाए ताकि 21वीं शताब्दी में देश को प्रगति की ओर ले जाकर युवाओं के मन में जातीय भेदभाव उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संगठन प्रदेश में स्वर्ण आयोग का गठन की मांग भी ओर रही है और इसके लिए राज्यपाल को डीसी के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा है और संगठन मांग पूरी ना होने पर प्रदेश भर में उग्र आंदोलन शुरू करने की भी चेतावनी दी ।