DNN सोलन
सोलन में भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। पहले सोलन अस्पताल में डाक्टरों की कमी को लेकर भाजमुयो के महामंत्री मनोज रघुवंशी ने अनशन करके अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया। वहीं बुधवार को सोलन नगर परिषद में ठेकेदारों द्वारा आरटीओ सोलन को कमरे में बंद करके उनकी बकाया राशि जारी करने को लेकर किए गए विरोध में भाजपाइयों की सक्रिय भूमिका होने से कई सवाल खड़े हो गए है। विरोध करने वालों में जो ठेकेदार थे, उनमें अधिकतर भाजपा के सक्रिय नेता भी है। दरअसल आरटीओ सोलन के पास नगर परिषद सोलन के कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज भी है। उन्हें कुछ समय पहले ही यह चार्ज दिया गया है।
बुधवार को जब कार्यकारी अधिकारी का चार्ज देख रहे विवेक चौहान अपने घर में पहुंचे, तो ठेकेदारों ने बुधवार को उनके ही कमरे में बंद कर दिया। यह ठेकेदार नगर परिषद में पिछले कई महीनों से बकाया राशि को चुकता करने की मांग कर रहे थे। तनाव बढऩे पर पुलिस को बुलाना पड़ा व बाद में पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दरवाजा खुलवाया। गौर हो कि नगर परिषद सोलन में पिछले 4-5 महीनों में 6 बाद कार्यकारी अधिकारी को बदला गया है। इसके कारण जहां शहर के सभी विकास कार्य रुक गए हैं, वहीं ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों की पेमेंट भी फंसी हुई है।
ठेकेदार पिछले काफी समय से पिछली बकाया राशि देने की मांग कर रहे थे। ठेकेदार नव नियुक्त ईओ से अपनी बकाया राशि की मांग करने लगे। पेमेंट जल्दी मिलता न देख सभी ठेकेदारों ने ई.ओ. को घेर लिया और दरवाजे में अंदर से कुंडी लगा दी। ठेकेदार फर्श पर ही बैठ गए और पेमेंट क्लीयर होने के बाद ही दरवाजा खोलने पर अड़ गए। बात बढ़ते-बढ़ते तू-तू मैं-मैं पर आ गई। तनाव बढ़ा तो पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस कर्मचारियों के अलावा नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद व अन्य कर्मचारी दरवाजा खुलवाने का प्रयास करते रहे। काफी समय बाद ठेकेदारों ने अंदर से दरवाजा खोला। इसके बाद कार्यकारी अधिकारी ने ठेकेदारों की कुछ पेमेंट मेले से पहले व कुछ मेले के बाद करने का आश्वासन दिया तब जाकर ठेकेदारों का गुस्सा नर्म पड़ा।