DNN सोलन
सोलन के आईटीआई में चल रहे गल्र्स व ब्वायज होस्टलों में वार्डन का संकट छा गया है। यहां पर अभी तक गल्र्स होस्टल में तैनात महिला कर्मचारी को तबादला हो गया है। जबकि लड़कों के होस्टल का वार्डन बुधवार को रिटायर हो रहा है। ऐसे में आई.टी.आई प्रशासन के पास मौजूदा समय में इन होस्टलों का अतिरिक्त चार्ज लेने के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं हो रहा है। ऐसे में संकट की स्थिति पैदा हो गई है। अब इस मामले में आईटीआई. प्रधानाचार्य ने सरकार को पत्र लिखकर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के अनुसार सोलन आईटीआई प्रदेश की अग्रणी आईटीआई में से एक है। यहां पर छात्र छात्राओं की अच्छी संख्या होने के कारण होस्टल भी पूरे भरे है। लड़कों के होस्टल में मौजूदा समय में करीब 80 छात्र है। जबकि गल्र्स होस्टल में 42 लड़कियां है। लड़कों के होस्टल के वार्डन का वर्तमान में चार्ज संभालने वाला कर्मचारी 31 जुलाई को रिटायर हो रहा है। ऐसे में इस होस्टल का चार्ज अन्य कर्मचारी को देने के लिए आईटीआई. प्रशासन लगा है, लेकिन फिलहाल कोई भी इसका चार्ज लेने को तैयार नहीं है। ऐसी ही स्थित गल्र्स होस्टल में भी पैदा हो गई है। यहां पर वार्डन का पद ही नहीं है। ऐसे में आईटीआई में तैनात एस.ओ.टी. महिला कर्मचारी को गल्र्स होस्टल के वार्डन का चार्ज दिया गया था, लेकिन अब इस महिला कर्मचारी को तबादला पालमपुर होने के कारण महिला होस्टल में भी वार्ड की कमी हो गई है। अहम बात यह है कि आई.टी.आई. में तैनात मौजूदा स्टाफ में से कोई भी दोनों होस्टल के वार्र्डन का चार्ज लेने को तैयार नहीं हो रहा है। सबकी अपनी अपनी दिक्कतें है। ऐसे में आईटीआई प्रबंधकों की परेशानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
मामले में आई.टी.आई. के प्रधानाचार्य चमन लाल तंवर ने बताया कि 31 जुलाई को एक कर्मचारी तैनात हो रहा है, जबकि महिला कर्मचारी का पहले ही तबादला हो चुका है। ऐसे में होस्टल चलाने में काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि मामले में सरकार को पत्र भेजा गया है, ताकि यहां पर नए कर्मचारियों की तैनाती वार्डन के तौर पर हो सके।