DNN सोलन
पिछले कई वर्षों से डॉ॰ वाई एस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय को राज्य के किसानों की कृषि और बागवानी सम्बंधित ट्रेनिंग के लिए अग्रणी कार्य करने के लिए जाना जाता रहा है। इसी दिशा में अधिक प्रयास करते हुए निदेशालय ने पिछले साल 349 प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जिनके माध्यम से कृषक समुदाय तक नई तकनीक और जानकारीयां पहुंचाई गई। नौणी में विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में स्थित विस्तार शिक्षा निदेशालय और इसके अधीन आने वाले पांच कृषि विज्ञान केन्द्र- कंडाघाट,चम्बा,रोहडू़,किन्नौर व ताबो ने इन प्रशिक्षण शिविर से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में प्रमुख भूमिका निभाई है। पिछले वर्ष निदेशालय द्वारा 54 प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया जिससे 1443 किसान लाभान्वित हुए। इन्हें फल, सब्जी,मशरूम, फूल उत्पादन तथा मधुमक्खी पालन,औषधीय पौधों की खेती,पोस्ट हार्वेस्ट तकनीक तथा पौध संरक्षण जैसे विषयों पर आधुनिक जानकारी दी गई तथा कृषि आय बढ़ाने और प्राकृतिक खेती के बारे में भी अवगत करवाया गया।
इन प्रशिक्षणों के दौरान किसानों को खेतों में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके अतिरिक्त निदेशालय द्वारा 60 एक्सपोजर विज़िट भी करवाये गए जिसमें 1760 लोगों ने विभिन्न कृषि गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित निदेशालय के अधीन आने वाले कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा भी 295 प्रशिक्षण शिविर लगाए गए जिसका फायदा 13080 किसानों को मिला। इन केन्द्रों द्वारा 68 एक्सपोजर विज़िट भी करवाई गई जिसमें 1055 किसानों ने भाग लिया। 14 किसान संगोष्ठियों, 33 वैज्ञानिक
किसान-परिचर्चाओं का भी आयोजन किया गया जिसमें 4327 किसान लाभान्वित हुए। यह प्रशिक्षण सतलुज जल विद्युत निगम,बागवानी व कृषि विभाग,बागवानी विभाग उत्तराखंड,आत्मा इत्यादि द्वारा प्रायोजित थे जिसमें हिमाचल प्रदेश ही नहीं पंजाब,उत्तराखंड,जम्मू-
कश्मीर,हरियाणा,राजस्थान इत्यादि के किसानों ने भाग लिया।
इस उपलब्धि के लिए प्रशिक्षण समन्वयक डॉ॰ राज कुमार ठाकुर, डॉ॰ माई चंद, डॉ॰ सतवीर चौधरी, डॉ॰ अनिल सूद, डॉ॰ जतिन्द्र चौहान व डॉ॰ मनिका तोमर और अन्य वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए विस्तार शिक्षा निदेशक डा॰ विजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किसानों के कृषि और बागवानी सम्बंधित आवश्यकताओं पर प्रशिक्षण प्रदान करने का हम निरंतर प्रयत्न करते रहते हैं। इस संबंध में हम काफी सफल रहें हैं और राज्य के सभी जिलों के किसानों तक पहुँचकर उनकों फसल सम्बंधित जानकारी उपलब्ध करवाई है। उन्होनें बताया कि 2017 में भी 247 प्रशिक्षण शिविर में लगभग 11,000किसानों को प्रशिक्षण दिया गया था। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एचसी शर्मा ने इस उपलब्धि पर विस्तार शिक्षा निदेशालय को बधाई दी।