DNN बिलासपुर
1 मार्च। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश चंद दडोच ने बताया कि समुदाय को कोविड-19 के बचाव के साथ-साथ अन्य जल जनित बीमारियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में भी जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि फरवरी माह बिलासपुर में लोग डियारा व हाउसिंग बोर्ड कलौनी में दस्त रोग से प्रभावित हुए जिस पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने बताया कि आने वाले गर्मी व बरसात के मौसम हर तरह से पानी से होने वाले रोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है व इनसे बचने की पूरी जानकारी होनी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि विश्व की 80 प्रतिशत से अधिक बीमारियां दूषित जल से होने वाले रोगों के कारण होती हैं। जिन में डायरिया प्रमुख है। उन्होंने बताया कि जल जनित रोगों से बचाव के लिए जल स्रोतों को गंदा न करें, उनमें स्नान न करें, न ही कपड़े धोए, पेयजल स्रोतों के चारों ओर कंक्रीट की दीवार लगाएं ताकि वर्षा का पानी उसमें न जाए, शौच खुले में न जाएं, शौच जाने के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें, पीने के लिए क्लोरीन युक्त नल के जल या हैण्ड पम्प के पानी का ही उपयोग करें। आवश्यकता पडने पर बावडियों और कुएं के पानी को उबाल कर ही पीए या उसके 15 से 20 लीटर जल मे 1 गोली क्लोरीन की अवश्य पीस कर डालें या 1000 लीटर पानी में 2.5 ग्राम वलिचिग पाउडर डालें, उसके कम से कम आधे घण्टे पश्चात ही पानी उपयोग में लाएं। पानी को साफ बर्तन में ढक कर रखें। बरतन से पानी निकालने के लिए हमेशा हैंडल वाले गिलास का उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि दस्त रोग के कारण प्राय शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसे निर्जलीकरण कहा जाता है इसलिए उससे बचने के लिए भोजन में अधिकमात्रा में तरल पदार्थ ले, शिशु या बच्चों को मां का दूध पिलाते रहे। शिशुओं एवं बच्चो को राष्ट्रीय टीकाकरण सारिणी के अनुसार समय पर रोटा वायरस के टीके लगवाएं। दस्त होने पर ओ.आर.एस. का घोल पिलाएं। इन रोगों से बचाव के लिए हर वर्ष की तरह लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि अगर दस्त के साथ खून आए या दस्त ठीक न हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। जिला के सभी स्वस्थ्य संस्थानों में ओ.आर.एस., जिंक की गोलियां तथा पानी को शुद्ध करने के लिए क्लारीन की गोली, तथा लोगों जागरुकता हेतु पर्याप्त मात्रा में प्रचार- प्रसार सामग्री इत्यादि सभी आवश्यक चीजें उपलब्ध करवा दी गई हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इन बीमारियों के कारणों बचाव तथा उपचार के प्रति जागरूक रहें।