शामती से 17 आपदा प्रभावित परिवारों को प्रदान किए चिन्हित भूमि के स्वीकृति पत्र

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सोलन विधानसभा क्षेत्र के शामती के आपदा प्रभावित 17 परिवारों के लिए आज का दिन विशेष रहा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री एवं सोलन के विधायक कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने इन परिवारों को अपना घर बनाने के लिए चिन्हित भूमि के स्वीकृति पत्र प्रदान किए।
डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर कहा कि आपदा में जिन परिवारों ने अपना सब कुछ खोया है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। किंतु प्रदेश सरकार अपने सीमित संसाधनों के साथ यह सुनिश्चित बना रही है कि प्रभावितों को रहने के लिए समुचित भूमि उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है और भारी वर्षा के कारण भीषण आपदा से प्रभावित परिवारों को अपने संसाधनों से समय पर राहत पहुंचाई जा रही है।
डॉ. शांडिल आज यहां ज़िला राजस्व विभाग द्वारा आपदा विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत चिन्हित परिवारों को भूमि आवंटन पत्र प्रदान किए जाने के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विकास एक सतत् प्रक्रिया है। विकास के साथ-साथ राहत एवं पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार प्रयत्नशील रही है। प्रयास यह किया गया है कि प्रभावित परिवारों को राहत दी जाए, उन्हें ऐसे स्थान पर भूमि चिन्हित कर प्रदान की जाए जहां वह सुगमता से निवास कर सके।
डॉ. शांडिल ने कहा कि आपदा प्रभावितों के साथ पूर्ण संवेदनशीलता के माध्यम से राहत पहुंचाना प्रदेश सरकार का उद्देश्य है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावितों की समस्या के दृष्टिगत दी जाने वाली मुआवज़ा राशि को 1 लाख 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 07 लाख रुपए किया है। इसका उद्देश्य प्रभावितों को वास्तविक सहायता प्रदान करना है।
डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर शामती में वर्ष 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित परिवारों को विशेष सहायता पैकेज के अंतर्गत 17 प्रभावित लोगों को 2-3 बिस्वा भूमि के स्वीकृति पत्र वितरित किए।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के लिए विभिन्न प्राकृतिक कारणों के साथ-साथ मानव जनित कारक भी उत्तरदायी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण प्राकृतिक सुरक्षा का मज़बूत उपाय है। वृक्ष पृथ्वी के वास्तविक प्रहरी है और पौधरोपण के माध्यम से हम वायु एवं जल को स्वच्छ रखने, मिट्टी के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हमें अपने जीवन में अधिक से अधिक पौधारोपण करने के साथ-साथ उनके संरक्षण पर भी बल देना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने आशा जताई कि प्रभावितों परिवारों को भूमि स्वीकृति से वास्तविक सहायता प्रदान हुई है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि प्रदेश सरकार इस दिशा में गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित बनाएं।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी प्रदान की और इस वर्ष आपदा के कारण प्रभावितों के लिए ज़िला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत करवाया।
ज़िला राजस्व अधिकारी सुमेध शर्मा ने इससे पूर्व मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा, पार्षदगण, नगर निगम आयुक्त एकता कापटा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेंद्र सेठी, प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम निदेशक मण्डल के सदस्य जतिन साहनी, हिमाचल प्रदेश व्यापारिक कल्याण बोर्ड के सदस्य शोभित बहल, कांग्रेस के शिव कुमार तथा शिवदत्त ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी व शामती क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवार इस अवसर पर उपस्थित थे।

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