चंडीगढ़। अमृतपाल ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर सरेंडर की अटकलों पर विराम लगा दिया है। उसने कहा कि गिरफ्तारी वाहेगुरु के हाथ में है। अमृतपाल ने जत्थेदार को अपील की है कि सरबत खालसा बुलाया जाए। हुकूमत पर हो रहे धक्के के खिलाफ आवाज को बुलंद किया जाए।
इसमें अमृतपाल ने कहा कि मैं 18 मार्च के बाद पहली बार रूबरू हो रहा हूं। सरकार अगर गिरफ्तार करना चाहती है तो घर से गिरफ्तार कर सकते थी। लेकिन सच्चे पातशाह ने मुश्किल से निकाला है।
अमृतपाल ने कहा कि वह बिल्कुल ठीक है। सरकार ने मजबूर लोगों को जेल में डाला है। प्रशासन ने हमारे साथियों को असम भेजा है। लोगों पर एनएसए लगाया है। पुलिस ने जबरदस्ती की है। यह जुल्म है। इसके खिलाफ आवाज उठाना हमारा कौमी हक है। अमृतपाल ने कहा कि बहुत लंबे समय से हमारी कौम छोटे -मोटे मसलों पर मोर्चा लगा उलझ रही है।
उसने जत्थेदार से कहा कि उन्होंने रिहाई के लिए जो 24 घंटे के अल्टीमेटम दिया था, इस मामले में जत्थेदार को सख्त एक्शन लेना चाहिए, वैसाखी पर देशों व विदेशों में बैठी सिख संगतों का इकट्ठ कर कौम के मसले पर बातचीत करने को कहा है। उसने कहा कि जब पुलिस ने उसे घेरने को कोशिश की तब इंटरनेट बंद होने सिख संगतों से सम्पर्क टूट गया है।