केन्‍द्रीय बजट 2023-24 में अमृत काल के लिए विजन पेश किया गया है, जो कि सशक्‍त एवं समावेशी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए ब्‍लू प्रिंट है

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चार रूपांतरकारी अवसरों पर आधारित त्रिआयामी फोकस अमृत काल का मुख्‍य आधार है

पूंजीगत निवेश व्‍यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया

प्रभावी पूंजीगत व्‍यय जीडीपी का 4.5 प्रतिशत है

राजकोषीय घाटा वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान

वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान

निर्यात वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023 में 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

उच्‍च मूल्‍य वाली बागवानी फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए 2200 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पौध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा

157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे

पीएम आवास योजना का परिव्‍यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79000 करोड़ रुपये से भी अधिक किया गया

रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक पूंजीगत परिव्‍यय प्रदान किया गया है

प्राथमिकता क्षेत्र के ऋणों में आई कमी का उपयोग करके शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ) बनाया जाएगा

10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश से गोबर्धन योजना के तहत 500 नए ‘कचरे से संपदा’ संयंत्र स्‍थापित किए जाएंगे

10,000 जैव-कच्‍चा माल संसाधन केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे जिससे राष्‍ट्रीय स्‍तर का वितरित सूक्ष्‍म–उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनेगा

मंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का शुभारंभ किया जाएगा

केन्‍द्रीय बजट 2023-24 में व्‍यक्तिगत आयकर पर व्‍यापक राहत दी गई है

नई कर व्‍यवस्‍था के तहत नए स्लैब घोषित किए गए हैं

नई कर व्‍यवस्‍था के तहत 7 लाख रुपये तक की कुल आय वाले निवासी व्‍यक्ति को कोई आयकर नहीं देना होगा

नई कर व्‍यवस्‍था के तहत वेतनभोगी व्‍यक्तियों को 50,000 रुपये की मानक कटौती भी उपलब्‍ध होगी

व्‍यक्तियों एवं एचयूएफ के लिए नई कर व्‍यवस्‍था ही डिफॉल्‍ट व्‍यवस्‍था होगी

गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है

सहकारी क्षेत्र के लिए अनेक प्रस्‍तावों की घोषणा

अप्रत्‍यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों का उद्देश्‍य निर्यात को प्रोत्‍साहित करना, देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना, घरेलू मूल्‍यवर्धन में वृद्धि करना, और हरित ऊर्जा एवं गतिशीलता को प्रोत्‍साहित करना है

वस्‍त्र एवं कृषि को छोड़ अन्‍य वस्‍तुओं पर मूल सीमा शुल्‍क की दरों की कुल संख्‍या 21 से घटाकर 13 कर दी गई है

 

DNN नई दिल्ली

1 फरवरी । भारत की आजादी के 75वें वर्ष में पूरी दुनिया ने यह भलीभांति स्‍वीकार कर लिया है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था एक ‘चमकता सितारा’ है क्‍योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्‍तर पर व्‍यापक सुस्‍ती दर्ज किए जाने के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि सभी प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है। यह बात  केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कही। वित्त मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बिल्‍कुल सही पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है और मौजूदा समय में तरह-तरह की चुनौतियां रहने के बावजूद भारत उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की ओर अग्रसर है।

सीतारमण ने कहा, ‘यह उम्‍मीद की जा रही है कि पिछले बजट में डाली गई मजबूत नींव और भारत@100, जिसमें एक समृद्ध एवं समावेशी भारत की परिकल्‍पना की गई है’ के लिए तैयार किए गए ब्‍लूप्रिंट के सहारे भारत एक ऐसे मुकाम पर पहुंच जाएगा जहां आर्थिक विकास के फल सभी क्षेत्रों एवं समस्‍त नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, ओबीसी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक निश्चित रूप से पहुंच जाएंगे।’

 

तरह-तरह के संकटों के बीच मजबूती हासिल की गई

वित्त मंत्री ने कहा कि अनगिनत उपलब्धियों जैसे कि अनूठी विश्‍वस्‍तरीय सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यथा आधार, को-विन, और यूपीआई; अभूतपूर्व पैमाने एवं गति से कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाए जाने; अग्रणी क्षेत्रों में अति सक्रिय भूमिका निभाने जैसे कि जलवायु संबंधी लक्ष्‍यों को हासिल कर लेने, मिशन लाइफ, और राष्‍ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की बदौलत ही भारत की वैश्विक साख निरंतर दमदार होती जा रही है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्‍यक्ति भूखा न रहे, जिसके लिए सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलाई। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्‍द्र की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए सरकार 1 जनवरी, 2023 से पीएम गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी अंत्‍योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की योजना चला रही है जो अगले एक साल तक जारी रहेगी। केन्‍द्र सरकार द्वारा ही कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का समूचा खर्च वहन किया जाएगा।

 

जी20 की अध्‍यक्षता : चुनौतियों के बीच वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है

वित्त मंत्री ने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि वैश्विक चुनौतियों के मौजूदा समय में जी20 की अध्‍यक्षता ने भारत को विश्‍व आर्थिक व्‍यवस्‍था में अपनी भूमिका को मजबूत करने का अनूठा अवसर प्रदान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्‍बकम’ की थीम के साथ भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ सतत आर्थिक विकास को संभव करने के लिए एक महत्‍वाकांक्षी जन-केन्द्रित एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है।

 

वर्ष 2014 से लेकर अब तक की उपलब्धियां : किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जा रहा है

सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 से ही निरंतर जारी सरकारी प्रयासों के तहत सभी नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्‍तर और सम्‍मानित जीवन सुनिश्चित किया गया है, और इसके साथ ही प्रति व्‍यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। उन्‍होंने कहा कि इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आकार काफी विशाल हो गया है और वह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था से काफी आगे निकलकर अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन गई है। इसके अलावा, देश की अर्थव्‍यवस्‍था में औपचारिकरण काफी बढ़ गया है जैसा कि ईपीएफओ की बढ़ती सदस्‍यता से स्‍पष्‍ट होता है जो कि दोगुनी से भी अधिक होकर 27 करोड़ हो गई है, और इसी तरह वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के कुल 7400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं।

 

अमृत काल के लिए विजन – एक सशक्‍त और समावेशी अर्थव्‍यवस्‍था

वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल से जुड़े हमारे विजन में मजबूत सरकारी वित्तीय स्थिति के जरिए प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान आधारित अर्थव्‍यवस्‍था, एवं एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र सुनिश्चित करना शामिल है जिसे हासिल करने के लिए ‘सबका साथ सबका प्रयास’ के जरिए जन भागीदारी अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि इस विजन को साकार करने से जुड़े आर्थिक एजेंडे में तीन चीजों पर फोकस किया गया है और ये देश के नागरिकों विशेषकर युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए व्‍यापक अवसर सुलभ करा रही हैं। दूसरी बात यह है कि ये आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन को काफी बढ़ावा दे रही हैं, और आखिर में वृहद-आर्थिक स्थिरता को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत@100 की हमारी इस यात्रा में इन फोकस क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अमृत काल के दौरान निम्‍नलिखित चार अवसर रूपांतरकारी साबित हो सकते हैं –

  1. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण : दीनदयाल अंत्‍योदय योजना राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्‍वयं सहायता समूहों के रूप में संगठित कर उल्‍लेखनीय सफलता हासिल की है और अब हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन विशाल उत्‍पादक उद्यमों या सामूहिक संस्‍थाओं के गठन के जरिए ये समस्‍त समूह आर्थिक विकास के अगले चरण में पहुंच जाएं जिनमें से प्रत्‍येक में हजारों सदस्‍य होंगी और उनका प्रबंधन प्रोफेशनल ढंग से होगा।
  2. पीएम विश्‍वकर्मा कौशल सम्‍मान (पीएम विकास) : सदियों से परंपरागत कारीगरों और शिल्‍पकारों, जो विभिन्‍न उपकरणों का उपयोग करते हुए अपने हाथों से काम करते हैं, ने भारत को काफी गौरवान्वित किया है और उन्‍हें आम तौर पर विश्‍वकर्मा कहा जाता है। इनकी विशिष्‍ट कला और इनके द्वारा तैयार हस्‍तशिल्‍प से आत्‍मनिर्भर भारत की सच्‍ची भावना उभरकर सामने आती है।

वित्त मंत्री ने बताया कि पहली बार इनके लिए एक सहायता पैकेज की परिकल्‍पना की गई है और नई योजना से वे अपने-अपने उत्‍पादों की गुणवत्ता, कुल संख्‍या और पहुंच को काफी हद तक बढ़ा सकती हैं, और इसके साथ ही एमएसएमई मूल्‍य श्रृंखला से इनका एकीकरण हो जाएगा। इस योजना के घटकों में न केवल वित्तीय सहायता देना शामिल होगा बल्कि उन्‍नत कौशल प्रशिक्षण तक इनकी पहुंच, अत्‍याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों और प्रभावकारी हरित प्रौद्योगिकियों का ज्ञान हासिल करना, ब्रांड संवर्धन, स्‍थानीय एवं वैश्विक बाजारों से जुड़ाव, डिजिटल भुगतान और सामाजिक सुरक्षा, इत्‍यादि भी शामिल होंगे। इससे अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां, ओबीसी, महिलाएं और समाज के कमजोर तबकों से जुड़े लोग काफी हद तक लाभान्वित होंगे।

  1. पर्यटन : वित्त मंत्री ने कहा कि देश में घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को व्‍यापक रूप से आकर्षित किया जा रहा है क्‍योंकि पर्यटन में व्‍यापक संभावनाएं निहित हैं। उन्‍होंने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार और विशेषकर युवाओं के लिए उद्यमिता हेतु अपार अवसर हैं। उन्‍होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने का काम मिशन मोड में किया जाएगा जिसमें राज्‍यों की सक्रिय भागीदारी होगी, सरकारी कार्यक्रमों का आपस में सामंजस्‍य होगा और सार्वजनिक-निजी भागीदारी होगी।
  2. हरित विकास : वित्त मंत्री ने हरित विकास के विषय का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में हरित ईंधन, हरित ऊर्जा, हरित कृषि, हरित गतिशीलता, हरित भवनों, हरित उपकरणों के लिए अनेक कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है, और इसके साथ ही विभिन्‍न आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के प्रभावकारी उपयोग के लिए नीतियां लागू की जा रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हरित विकास से जुड़े इन प्रयासों से देश की अर्थव्‍यवस्‍था की कार्बन तीव्रता को कम करने में काफी मदद मिलती है और इसके साथ ही बड़ी संख्‍या में हरित रोजगार अवसर उपलब्‍ध होते हैं।

 

इस बजट की प्राथमि‍कताएं

निर्मला सीतारमण ने केन्‍द्रीय बजट की सात प्राथमि‍कताएं गिनाईं और कहा कि ये सभी एक-दूसरे की पूरक हैं और ये ‘सप्‍तऋषि’ के रूप में कार्य कर रही हैं जो अमृत काल में हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं। इनमें ये शामि‍ल हैं: 1) समावेशी विकास 2) अंतिम व्‍यक्ति तक पहुंचना 3) अवसंरचना एवं निवेश 4) संभावनाओं को उन्‍मुक्‍त करना 5) हरित विकास 6) युवा शक्ति 7) वित्तीय क्षेत्र।

 

बजट की 5 सबसे बड़ी बातें

मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।

निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।

युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।

आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट किए जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़।

महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।

 

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