DNN चंबा
जिला के विभिन्न उपमंडलों में दो साल से अधिक अवधि के लंबित मामलों को लेकर जवाबदेही तय की जाए। उपायुक्त हरिकेश मीणा ने मंगलवार को राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एसडीएम जांच करें कि मामले किस स्तर पर लंबित हैं। उन्होंने कहा कि जिस भी अधिकारी या कर्मचारी के स्तर पर मामलों को लंबित पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। उपायुक्त ने कहा कि इंतकाल दर्ज करने के मामले भी छह महीने से ऊपर की अवधि तक लंबित नहीं रहने चाहिए। इंतकाल के अलावा निशानदेही और तकसीम के मामलों को भी समयबद्ध तरीके से निपटाया जाना सुनिश्चित किया जाए। राजस्व अधिकारी पटवार खानों के औचक निरीक्षण करें और यह देखें कि पटवारी रपट रोजनामचा में अपने सर्किल में होने वाली घटनाओं या गतिविधियों को नियमित तौर पर दर्ज कर रहा है या नहीं।
उपायुक्त ने ऑडिट रिकवरी और जमाबंदी को लेकर साप्ताहिक रिपोर्ट दिए जाने के लिए निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि जिले में भूमि का एलोटेबल पूल न होने के चलते पात्र भूमिहीनों को मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाने में समस्या पेश आ रही है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को हिदायत दी कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उपयुक्त भूमि चिह्नित करके वन अधिकार अधिनियम के तहत उसका मामला मंजूर करवाएं। उपायुक्त ने कहा कि तक्सीम के मामलों में खानगी तकसीम एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से बिना किसी विवाद परस्पर सहमति से तक्सीम के मामले निपटाए जा सकते हैं।
इसको लेकर राजस्व अधिकारी और विशेष तौर से पटवारी लोगों को जागरूक कर सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि पटवारी ग्राम स्तर पर मौजूद राजस्व विभाग का महत्वपूर्ण कर्मचारी होता है। पटवारी अपने क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना की त्वरित जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को देना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने राजस्व अधिकारियों को फील्ड के दौरे पर जाने की भी बात कही। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त हेमराज बैरवा, एसडीएम दीप्ति मंढोत्रा, एसडीएम डलहौजी डॉ. मुरारी लाल, एसडीएम भटियात बच्चन व अन्य मौजूद रहे।