DNN नाहन (अब्दुल)
07मार्च। भूमि अधिकारों को लेकर जिला मुख्यालय नाहन आज सोमवार दोपहर जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। वन अधिकार मंच द्वारा आयोजित इस बैठक में करीब 25 पंचायतों के लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल हुए।दरअसल इस जिला स्तरीय बैठक में मुख्य रूप से दो विषयों वन अधिकार कानून व शामलात भूमि कानून से जुड़ी चिंताओं पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही इन दो अहम मुद्दों पर पेश आ रही समस्याओं के समाधान की मांग सरकार से की गई।बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे जिला किसान सभा के अध्यक्ष रमेश वर्मा ने बताया कि इस बैठक में वन अधिकार कानून 2006 के तहत प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में सरकार ने जिला सिरमौर में जो शामलात भूमि वापिस की थी, उसे एलोटेविल पूल में रखा गया था, उसे भूमिहीन लोगों व सामूहिक जरूरतों के अनुसार रखा जाना चाहिए था, लेकिन कई जगहों पर इसे व्यक्तिगत भूमि बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि 1950 से पहले जिनके भूमि पर मालिकाना हक थे और जो उसका मामला देते थे, उन्हीं को यह भूमि दे दी गई है, जिससे समाज मे अंसतोष फैल गया है। सरकार के इस कदम से शामलात भूमि और जो बरसों से काश्तकार थे, वो इससे वंचित हो गए है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शामलात भूमि पर जो बरसों से लोग काश्त कर रहे है, उन्हें वहां से न हटाया जाए और उन्हें इसके मालिकाना हक दिया जाए।
बाइट 1 : रमेश वर्मा, जिलाध्यक्ष किसान सभा वहीं बैठक में लोगों को वन अधिकारों के प्रति जागरूक करने आए हिमधरा पर्यावरण समूह के सदस्य प्रकाश भंडारी ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 में पूरे देश में लागू हो गया था, लेकिन यदि जिला सिरमौर की स्थिति देखें तो आज भी जिला में वन विभाग द्वारा लोगों को बेदखली के नोटिस जारी किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत समितियों के सदस्यों और सरकारी अधिकारियों दोनों के लिए तुरंत प्रशिक्षण आयोजित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वन अधिकार कानून के तहत वन भूमि से कोई भी बेदखली तब तक अवैध है, जब तक कानून के अंतर्गत पूरी प्रक्रिया नहीं की जाती। भंडारी ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि वर्तमान में जिला सिरमौर में 40 व्यक्तिगत अधिकार भरे गए है, जबकि केवल 2 ही सामूहिक अधिकार है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि जिला में लोगों को सरकार व प्रशासन द्वारा संबंधित कानून की पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। जिला में इसको लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी नहीं हो रहे है। ऐसे में सरकार को इस दिशा में उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।प्रकाश भंडारी, सदस्य, हिमधरा पर्यावरण समूह बैठक के उपरांत सिरमौर वन अधिकार मंच पर शामलात संघर्ष समिति ने वन अधिकार कानून व शामलात भूमि कानून से जुड़ी चिंताओं पर डीसी सिरमौर को भी एक ज्ञापन सौंपा, जिसके के माध्यम से प्रशासन से इस दिशा में उचित कदम उठाने की मांग की गई है।