DNN सोलन
जिला दण्डाधिकारी सोलन के.सी. चमन ने औद्योगिक गतिविधियों को कोविड-19 के खतरे के कारण घोषित कफ्र्यू के दायरे से बाहर करने के सम्बन्ध में आदेश जारी किए हैं।
इन आदेशों के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र की सीमाओें से बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को कार्य करने की छूट प्रदान की गई है। इन क्षेत्रों में गैर आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाईयां भी कार्य कर सकेंगी।
सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर के उत्पादन में संलग्न औद्योगिक इकाईयां भी कार्य कर सकेंगी।
सीमेंट उद्योग को कार्य करने से पूर्व सरकार द्वारा जारी निर्देशांे की अनुपालना के सम्बन्ध में महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र सोलन अथवा उप निदेशक उद्योग बद्दी को लिखित में सूचित करना होगा। प्रपत्र मिलने के उपरान्त उपरोक्त सम्बन्धित अधिकारी द्वारा मामलावार अनुमति प्रदान की जाएगी।
खनन कार्य आरम्भ करने से पूर्व सरकार द्वारा जारी निर्देशांे की अनुपालना के सम्बन्ध में जिला खनन अधिकारी को लिखित में सूचित करना होगा। प्रपत्र मिलने के उपरान्त जिला खनन अधिकारी द्वारा मामलावार अनुमति प्रदान की जाएगी।
आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि एक समय पर किसी औद्योगिक इकाई की कुल श्रमिक संख्या के 30 प्रतिशत को कार्य करने की अनुमति होगी। खनन कार्य करने की अनुमति केवल प्रातः 09.00 बजे से सांय 06.00 बजे तक दी जाएगी। कामगारोें एवं कर्मचारियों की अन्तरराज्यीय आवाजाही की अनुमति नहीं होगी। सोशल डिस्टेन्सिग, सैनिटाईजेशन सहित प्रदेश सरकार एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी अन्य निर्देशों की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित बनानी होगी। इस सम्बन्ध में 20 अप्रैल, 2020 को जारी मानक परिचालन प्रक्रिया का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाना होगा।
यह आदेश तुरन्त प्रभाव से प्रभावी हो गए हैं तथा आदेशों की अवहेलना पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 269, 270 व 188 के तहत कर्रवाही अमल में लाई जाएगी।
कन्टेनमेन्ट जोन पर यह आदेश लागू नहीं होंगे।
जिला दण्डाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि 09 अप्रैल, 2020 के आदेश द्वारा जिला के सील किए गए बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में पूर्व की भान्ति अनुमति प्राप्त कार्य किए जा सकेंगे।
सील्ड क्षेत्र में पेट्रोल पंप, रसोई गैस, सीएनजी, तेल एजेंसियां, उनके भंडार गृह तथा संबंधित परिवहन गतिविधियां कार्यरत रहेंगी।
सील्ड क्षेत्र में सक्षम प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में संलग्न औद्योगिक इकाइयां, ऐसी औद्योगिक इकाइयां जिनमें सतत प्रक्रिया आवश्यक है तथा आवश्यक वस्तुओं, दवा एवं इनकी सहयोगी, साबुन, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा ऐसा कपड़ा उद्योग (वस्त्र को छोड़कर) जिसमें औद्योगिक परिसर के भीतर कामगारों के रहने का स्थान हो भी कार्य कर सकती हैं।