नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (GST) परिषद् ने 29 वस्तुओं और 53 सेवाओं पर कर की दरें घटाने का फैसला किया है। परिषद् की आज हुई 25वीं बैठक के बारे में जानकारी देते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि फिटमेंट समिति ने 29 वस्तुओं और 54 सेवाओं पर करों की दरें घटाने की सिफारिश की थी। इनमें 29 वस्तुओं और 53 सेवाओं पर दर घटाने का सुझाव स्वीकार कर लिया गया है। नई दरें 25 जनवरी से प्रभावी हो जायेंगी। एक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि इन वस्तुओं और सेवाओं पर दरों में कमी करने से राजस्व का बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। ये वैसी वस्तुएँ और सेवाएँ हैं, जिनमें रोजगार बड़े पैमाने पर मिलता है। इसके अलावा करीब 40 वस्तुओं को हस्तशिल्प उत्पादों की श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे उन पर कर की दर घटकर शून्य प्रतिशत रह जाएगी। जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि परिषद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है और इस संबंध में परिषद की अगली बैठक में निर्णय लिया जायेगा।
इस संबंध में परिषद ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में मंत्रीस्तरीय समिति बनायी थी। इसके साथ ही जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने भी इस पर समिति बनायी हुयी है। जीएसटीएन के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने वाली कंपनी इंफोसिस भी इस पर काम कर रही है। इन तीनों ने बैठक के दौरान अपनी-अपनी प्रस्तुति दी जिसके बाद यह तय हुआ कि एक ऐसी व्यवस्था बनायी जाये जिसमें सिर्फ आपूर्तिकर्ता ही अपना इनवॉयस अपलोड कर दे और उसी के आधार पर विक्रेता कर का भुगतान करे। उन्होंने कहा कि ये तीनों आपस में मिल-बैठकर एक व्यवस्था बनाने का काम करेंगे और परिषद की अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होगी। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि आगे चलकर हो सकता है जीएसटी रिटर्न के लिए सिर्फ 3बी ही रह जाये। लेकिन, अभी पुरानी व्यवस्था जारी रहेगी।
जेटली ने कहा कि अभी ई-वे बिल का परीक्षण चल रहा है और 1 फरवरी से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। अभी 15 राज्यों ने एक फरवरी से अंतरराज्यीय परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व संग्रह की भी समीक्षा की गयी है। कंपोजिशन स्कीम के लिए 17 लाख करदाता पंजीयन कराया हुआ, लेकिन पहली तिमाही में इसके जरिये मात्र 307 करोड़ रुपये का कर अदा किया गया है। अधिकांश करदाता स्वयं को 20 लाख रुपये से कम का कारोबारी बता रहे हैं और शून्य रिटर्न भर रहे हैं। इसके जरिये हो रही कर चोरी को रोकने के उपाय किये जाने पर भी चर्चा हुयी है। इसके लिए रिवर्स चार्ज मकेनिज्म (आरसीएम) व्यवस्था लागू करने पर विचार हुआ है। जीएसटी लागू करने के दौरान आरसीएम को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब इसे आंशिक तौर पर लागू किया जा सकता है ताकि कर चोरी पर रोक लग सके।
वित्त मंत्री ने बताया कि सीजीएसटी, आईजीएसटी और एसजीएसटी कानूनों में संशोधन पर भी विचार-विमर्श हुआ है। संबंधित संशोधनों का प्रारूप राज्यों के वित्त मंत्रियों को भेजा जायेगा। फिर अगली बैठक में इस पर चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा। बजट सत्र के दूसरे चरण में ये संशोधन संसद में आ सकते हैं। जेटली ने कहा कि आईजीएसटी मद में संग्रहित राशि में से 35 हजार करोड़ रुपये केन्द्र और राज्यों के बीच बराबर बांटा जायेगा। एक अन्य सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम और रियल एस्टेट का मुद्दा इस बैठक के लिए सूचीबद्ध नहीं था, लेकिन आगामी बैठकों में इस पर चर्चा किया जायेगा।