DNN बद्दी
13 मार्च नगर परिषद बद्दी में कांग्रेसी पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव का मसला सुलझता नजर नहीं आ रहा। डीसी सोलन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन, बद्दी व नालागढ़ में रोष रैली और विधानसभा में मुद्दा गूंजने के बाद भी मामला अधर में लटका है। अब नगर परिषद बद्दी के कांग्रेसी पार्षदों ने आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है। 15 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने वाले सभी पांचों पार्षद नप बद्दी के कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठेंगे।
प्रदेश में किसी नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव पर इतना लंबा संघर्ष होने का यह पहला मामला है। पिछले सवा महीने से नप बद्दी में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खींचतान चल रही है। 2 फरवरी को नप बद्दी के कांग्रेसी पार्षदों ने नप अध्यक्षा व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया था। जिस पर डीसी सोलन द्वारा 15 दिन के भीतर नप बद्दी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया जाना था।पार्षद सुरजीत चौधरी व पार्षद तरसेम लाल का कहना है कि लेकिन पिछले सवा महीने से अल्पमत में आई नगर परिषद बद्दी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार व सत्ता के दबाब में अल्पमत में आई नप बद्दी पर कोई फैसला नहीं दिया जा रहा, जो की सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। सुरजीत चौधरी व तरसेम लाल ने कहा कि डीसी सोलन कार्यालय में प्रदर्शन हुआ। बद्दी व नालागढ़ में सैंकड़ों लोगों ने काले झंडे उठाकर सरकार की धक्केशाही के खिलाफ प्रदर्शन किया। विधानसभा सत्र में विधायक राजेंद्र राणा ने नप बद्दी के मसले को जोरशोर से उठाया। लेकिन बावजूद इसके अभी तक प्रशासन ने नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को बहुमत साबित करने के निर्देश जारी नहीं किए। पार्षद की सदस्यता रद्द करने का दांव भी सत्ता के लोभियों के काम नहीं आया।पार्षदों ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि नप बद्दी में भाजपा अपनी साख बचाने के लिए खुलेआम लोकतंत्र की हत्या पर उतर आई है। जिसके चलते अब पांचों पार्षद 15 मार्च को नगर परिषद कार्यालय के बाहर आमरन अनशन पर बैठेंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। सुरजीत चौधरी ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहला मामला है जिसमें अविश्वास प्रस्ताव दाखिल होने के बाद भी प्रशासन सरकार के इशारे पर अल्पमत में आई नप अध्यक्षा व उपाध्यक्ष को बचाने का प्रयास कर रहा है। वहीं प्रदेश में यह भी पहली बार होगा कि पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर फैसले के लिए आमरन अनशन करेंगे। पार्षद सुरजीत चौधरी व तरसेम लाल ने कहा कि भाजपा सरकार इस हद तक गिर चुकी है कि नप बद्दी में साख बचाने के लिए लोकतांत्रिक प्रणाली को भी दरकिनार कर दिया गया। पार्षदों ने कहा कि जब तक प्रशासन नप बद्दी के अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला नहीं देता तब तक पांचों पार्षद नप बद्दी के कार्यालय के बाहर आमरन अनशन पर बैठेंगे। अगर सरकार और प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ उन्हें अपनी जान पर भी खेलना पड़ेगा तो वह पीछे नहीं हटेंगे झुकेंगे नहीं। वहीं नप बद्दी के अविश्वास प्रस्ताव का मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है, जिस पर फैसला आना बाकी है।
