ज़िला सोलन में आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति को दिया जा रहा बढ़ावा

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DNN सोलन
25 फरवरी । ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल सोलन द्वारा सोलन ज़िला में प्राचीन आयुर्वेदा चिकित्सा पद्धति को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। विभिन्न प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों के ज़रिए ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल द्वारा लोगों के उपचार किए जा रहे है। जीवनशैली के विकार के कारण उत्पन्न बीमारियों का उपचार प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति जैसे पंचकर्मा तथा क्षार सूत्र चिकित्सा पद्धति के माध्यम ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में किए जा रहे है।
ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल द्वारा पंचकर्मा की प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाते हुए वात रक्त, गठिया, कम्पवाद, लकवा, हैमिप्लेजिया, स्र्वाइकल स्पोडिलासिज़, लम्बर स्पोडिलोसिज, बाबासीर, वात रोग और अन्य प्रकार के रोगों का उपचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पंचकर्मा एवं आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से शूगर, बी.पी., फैटी लीवर, लीवर एनलार्जमेंट, चर्म रोग आदि का उपचार किया जाता है। पंचकर्मा का उपचार 07 से 21 दिन के भीतर किया जाता है।
वर्ष 2022-23 में ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में पंचकर्मा पद्धति से 2316 रोगियों का उपचार किया गया, जिसमें 1063 पुरूष और 1253 महिलाएं शामिल है।
इसके अतिरिक्त, पैरासर्जिकल आयुर्वेदिक पद्धति जैसे क्षार सूत्र चिकित्सा भी ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में करवाई जाती है। क्षार सूत्र सबसे प्राचीन, प्राकृतिक और सुरक्षित पैरासर्जिकल चिकित्सा पद्धति है। क्षार सूत्र मुख्य रूप से गुदा नली से जुड़ी समस्याएं जैसे पाइल्स, फिस्टुला, फिशर आदि के उपचार के लिए किया जाता है। ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों द्वारा वर्ष 2022-23 में 104 रोगियों का उपचार किया गया, जिसमें 56 पुरूष व 48 महिलाएं शामिल है।
ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में एलर्जी क्लिनिक की व्यवस्था भी है। वर्ष 2022-23 में अस्पताल स्थित एलर्जी क्लिनिक में 55 व्यक्तियों का उपचार किया गया जिसमें 34 पुरूष तथा 21 महिलाएं है।
ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में स्त्री रोग जैसे बांझपन, श्वेत प्रदर, रसोली (गर्भाशाय), पी.सी.ओ.डी., सिस्ट, फ्रांईब्रोमाईलजिया का उपचार, स्त्री रोग चिकित्सक द्वारा सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, लोगों को आयुर्वेदिक उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सामान्य ओ.पी.डी. भी चलाई जा रही है। ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल में विभिन्न रोगों की जांच की सुविधा भी उपलब्ध है। प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ाना देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर चिकित्सा शिविर भी लगए जाते है।

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