“ज़माने का दर्द” पुस्तक का विमोचन, संग्रह में मौजूद हैं 52 कविताएं 

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DNN आनी (चमन शर्मा)
शनिवार को एसडीएम कार्यालय आनी में निथर उपतहसील के निन्था निवासी सुशील भारती द्वारा रचित काव्य संग्रह “ज़माने के दर्द” पुस्तक का विमोचन एसडीएम आनी चेत सिंह ने किया । इस पुस्तक में लेखक सुशील भारती ने ज़माने के आज के दर्द को कविताओं के रूप में फ़िरोया है । पुस्तक में कुल 52 कविताएं हैं । एक और जहाँ लेखक ने देश में भ्रष्टाचार ,आंतकवाद,गरीबी,हत्या,ईर्ष्या पर कड़ा प्रहार किया है वहीं पर्यावरण संरक्षण,महिला सशक्तिकरण,सैनिकों के सम्मान पर भी समाज को सन्देश दिया है । एसडीएम आनी चेत सिंह ने कवि सुशील भारती को बधाई देते हुए कहा कि साहित्य का समाज के साथ गहरा संबंध है । उन्होंने कहा कि साहित्य के योगदान बिना समाज का सर्वागीण विकास संभव नहीं है। शिक्षित व सुसज्जित समाज का निर्माण करना है तो साहित्य का बढ़ावा जरूरी है । कवि आज के समाज के ज्वलंत मुद्दों पर रचनाएं रच करके समाज को एक नई दिशा देने का काम करता है । 
 सुशील भारती निथर उपतहसील के निन्था गांव में तारा चन्द(सहायक अभियंता ,एसजेवीएन झाकड़ी,शिमला) के घर 4 दिसम्बर 1984 को पैदा हुए । पेशे से राजस्व विभाग में पटवारी है और निथर उपतहसील के पटवारवृत गडेज़ में कार्यरत है । सुशील भारती को बचपन से ही लेखन,संगीत और समाजसेवा में रुचि है । सुशील भारती ने बीएससी,बीएड और जेबीटी की है । सातवीं कक्षा में अपनी पहली कविता “सुबह-सुबह मंदिर में गुणगान मीरा करती है” लिखी। समय के साथ अपनी लेखनी में सुधार करते रहे । वर्ष 2012 में सुशील भारती की पहली रचना दिव्य हिमाचल दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई । इसी दौरान निथर उपतहसील के डॉ०देस कश्यप की बदौलत कांगड़ा (बैजनाथ) के एक मशहूर शायर विकास राणा से मुलाकात हुई और गज़लों के गुर सीखे । सुशील भारती ने बताया कि यह किताब फ्लिपकार्ट,ऐमेज़ॉन और साहित्यपिडिया पर उपलब्ध है । विमोचन अवसर पर एसडीएम आनी चेत सिंह के साथ कवि सुशील भारती , निथर उपतहसील के पटवारी सत्यप्रकाश,राजस्व विभाग के विनोद,डाटा ऑपरेटर ओमप्रकाश,कोमल,अनु,कुलदीप समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे ।

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