हिमाचल में चाइनीज सामान पर लगे प्रतिबंध, विहिप ने सरकार से की मांग 

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धर्मपुर(सोलन) आदित्य सोफत
भारत-चीन एलएसी पर पिछले दिनों हुई झड़प से भारत को हुए नुकसान के बाद विभिन्न संगठनों का चीन के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है। जिला सोलन में कहीं चीन द्वारा निर्मित सामान को जला कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, तो कहीं संस्थाओं द्वारा हिमाचल में पूरी तरह प्रतिबंध लगाने को लेकर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। शुक्रवार को भी विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं सहकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल के माध्यम से भेजा गया है। यह जानकारी विश्व हिन्दू परिषद के पवन समैला ने दी। उन्होंने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश में चीन निर्मित वस्तुओं को पूर्ण रूप से हिमाचल में सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की गई है। चीनी सामान का बहिष्कार करना चाहिए, ताकि हमारे कामगारों, बुनकरों, शिल्पकारों और कुटीर उद्योगों को नई ताकत मिल सके। स्वाभाविक तौर पर चीनी सामान का बहिष्कार करने वाले लोग आज बाजार में भारतीय सामान की मांग कर रहे हैं यानी जब भारतीय सामान की मांग बढ़ेगी, तब हमारे कुटीर उद्योग मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि चीनी सामान के बहिष्कार के अभियान के दो बड़े फायदे हैं। एक, चीन को सबक मिलेगा। दो, भारत के कुटीर उद्योग को ताकत मिलेगी। छोटे कारोबार से जुड़े लोगों की स्थिति सुदृढ़ होगी। भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। भारत में रोजगार भी बढ़ेगा।
कोरोना वायरस महामारी और फिर चीन के साथ सीमा विवाद के बाद देश भर में चीनी सामानों का बहिष्कार करने की मांग पहले ही जोर-शोर से उठ रही थी। विगत दिवस सीमा पर हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद हो गए । विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल पूरे प्रदेश वासियों से चीन की बनी हर वस्तु का बहिष्कार करने का आह्वान करता है कि स्वदेशी सामान का ही उपयोग करें।

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