DNN कोटखाई
कोरोना महामारी ने पहले ही किसानों की आर्थिकी की कमर तोड़ दी हैं, वहीं प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में मात्र 50 पैसे सेब समर्थन मूल्य बढ़ाने से बागवानों को घोर निराशा हाथ लगी हैं। यह बात जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहीं। कोरोना महामारी से कृषि क्षेत्र में उत्पादन लागत में दोगुनी वृद्धि हुई हैं। ऐसे में सरकार को सेब का समर्थन मूल्य कम से कम 10 रुपए करना चाहिए था। केंद्र सरकार द्वारा राहत देने की बजाए आए दिन पैट्रोल और डीजल के दामों को बढ़ाकर जनता के ज़ख्मो में नमक छिड़कने का काम कर रही हैं। विश्वभर में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम सबसे अधिक हैं हालांकि आंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोल व डीज़ल के दाम आज तक के इसिहास के न्यूनतम स्तर पर हैं। पैट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम से जहां महंगाई बढ़ रही हैं वही कृषि क्षेत्र के लागत मूल्यों में भी अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही हैं। रोहित ठाकुर ने सरकार से ए ग्रेड के सेब का मूल्य निर्धारित करने की भी मांग की हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह जम्मू-कश्मीर में गत वर्ष नैफेड के माध्यम से ए ग्रेड के सेब का विपणन किया गया। वहीं व्यवस्था हिमाचल के बागवानों के लिए भी की जाए। भारी औलावृष्टि के चलते 60 प्रतिशत फ़सलों को भारी नुकसान पहुंचा हैं। उन्होंने सरकार से एमआईएस के तहत बागवानों का पिछले वर्ष की लगभग 30 करोड़ रुपए की बकाया राशि जारी करने की मांग को भी दोहराया हैं। उन्होंने सेब व आम के समर्थन मूल्यों को बढ़ाने बारें सरकार से पुन: विचार करने की मांग की ।
