DNN ऊना

पौधों को कैसे बचाएं
बागवानी विभाग के उप-निदेशक डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि जिन पौधों में कोहरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता न हो, उन्हें कोहरे के प्रभाव वाले क्षेत्रों में नहीं लगाया जाना चाहिए। छोटी आयु के पौधों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है इसलिए 4-5 वर्ष की आयु के पौधों को घास व सरकंदे से ढक दें तथा दक्षिण पश्चिम दिशा में पौधों को धूप व हवा के लिए खुला रखें। इसके अलावा कोहरा पड़ने की संभावना पर पौधों पर पानी का छिड़काव करें। सर्दियों से पहले या सर्दी के मौसम में पौधों को नाइट्रोजन खाद न दें। अनुमोदित मात्रा में पौधों में पोटाश खाद देने से उनकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है।
डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि कोहरे से प्रभावित पौधों का उपचार करने के लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह में नई कोपलें फूटने से पहले ग्रसित पौधों की प्रभावित टहनियों की कांट-छांट इस ढंग से करें कि सूखी टहनी के साथ-साथ कुछ हरा भाग भी कट जाए। कांट-छांट के बाद कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें व कटे हुए भागों पर ब्लाईटॉक्स या बोर्डो पेस्ट का लेप लगाएं। नई पत्तियां आने के 15 दिन के उपरांत 0.5 प्रतशित यूरिया के घोल का छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन से कोहरे से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है जिससे किसानों का लाभ होगा। डॉ. सुभाष ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसान बागवानी विभाग के नजदीकी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।